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मोदी ने AI पर की बिल गेट्स से बात, G20 से लेकर जलवायु और रोजगार तक…कई मुद्दों पर हुई इंटरव्यू में चर्चा

बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें तकनीक अहम भूमिका निभा सकती है।

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वसुधा मुखर्जी   
Last Updated- March 29, 2024 | 10:47 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और माइक्रोसॉफ्ट के सह संस्थापक बिल गेट्स ने जलवायु परिवर्तन के असर को कम करने, महिलाओं के सशक्तीकरण, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) सहित तमाम महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर व्यापक बातचीत की। दोनों ने प्रौद्योगिकी की साझेदारी, सततता और वैश्विक स्तर पर सामाजिक प्रगति के साथ भारत में डिजिटल प्रगति का उल्लेख किया।

बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें तकनीक अहम भूमिका निभा सकती है। उन्होंने भारत में डिजिटल विभाजन की भरपाई करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि सभी के लिए तकनीक की सुविधा मुहैया कराना उनका मकसद है। खासकर उन्होंने कहा कि सर्वाइकल कैंसर रिसर्च और लड़कियों के टीकाकरण जैसे मसलों पर ध्यान दिया जाएगा।

पिछले साल भारत द्वारा जी20 की सफल अध्यक्षता का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमने जी20 के पहले गंभीर बातचीत की और जैसा कि आपने देखा कि सम्मेलन की कार्यवाही ने कई मोड़ लिए। मेरा मानना है कि अब हम जी20 के प्रमुख मकसद व उद्देश्यों के मुताबिक हैं और उसे मुख्यधारा में ला रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि प्रथम दृष्टया आपकी भी ऐसी ही धारणा बनी होगी।’

उन्होंने कहा, ‘इंडोनेशिया में जी20 सम्मेलन के दौरान पूरी दुनिया के प्रतिनिधियों ने देश में डिजिटल क्रांति को लेकर अपनी जिज्ञासा दिखाई थी। मैंने उनसे कहा कि हमने तकनीक का लोकतंत्रीकरण किया है, जिससे एकाधिकार से बचा जा सके।’

बिल गेट्स ने तकनीक, खाकर एआई में नवोन्मेष को लेकर भारत की प्रगति की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘भारत न केवल तकनीक को अपना रहा है, बल्कि वह नेतृत्व कर रहा है।’उन्होंने कहा कि देश ने ‘डिजिटल सरकार’ स्वीकार कर लिया है।

गेट्स ने कहा, ‘जी20 ने वास्तव में डिजिटल नवोन्मेष जैसी चीजों को बढ़ावा दिया। इसमें यह सामने आया कि सिर्फ उत्तर के देशों से संवाद करने की बजाय दक्षिण-दक्षिण सहयोग ज्यादा प्रभावी हो सकता है। हमारा फाउंडेशन भारत में आपके द्वारा हासिल किए गए परिणामों से उत्साहित है और हम इसे अन्य देशों में ले जाने में भागीदार बनेंगे।’

जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर मोदी ने कहा कि दुनिया को विकास को परिभाषित करने के लिए बिजली या इस्पात जैसे मानकों को बदलने की जरूरत है क्योंकि यह जलवायु विरोधी है और इसके बजाय हरित जीडीपी और हरित रोजगार जैसी शब्दावली को अपनाना चाहिए।

First Published : March 29, 2024 | 10:47 PM IST