Photo: PTI & ANI
Nagpur Violence: नागपुर में सोमवार (17 मार्च) को भड़की हिंसा के मामले में अब तक 45 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस हिंसा में 34 पुलिसकर्मी और 5 अन्य लोग घायल हुए हैं। घायलों में से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है और उन्हें ICU में भर्ती किया गया है। हिंसा के दौरान 45 वाहनों में तोड़फोड़ की गई, जिसके बाद प्रशासन ने शहर के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू लागू कर दिया। हिंसा की मुख्य वजह औरंगजेब की कब्र (aurangzeb tomb) हटाने की मांग को लेकर हो रहे प्रदर्शन के दौरान धर्मग्रंथ जलाए जाने को लेकर फैली अफवाह बताई जा रही है, जिसके बाद पथराव और आगजनी की घटनाएं हुईं। कई घरों, दुकानों और एक क्लिनिक में तोड़फोड़ की गई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने शांति बनाए रखने की अपील की है। वहीं, मायावती और प्रियंका चतुर्वेदी ने महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा है।
नागपुर में सोमवार को हुई हिंसा के मामले में अब तक 45 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें 34 पुलिसकर्मियों समेत कुल 5 लोग घायल हुए हैं। यह जानकारी जिला संरक्षक मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले (Chandrashekhar Bawankule) ने मंगलवार को दी। मंत्री ने बताया कि घायलों में से दो की हालत गंभीर है और उन्हें ICU में भर्ती किया गया है। वह हिंसा के बाद हालात की समीक्षा करने नागपुर पहुंचे हैं।
बावनकुले ने बताया कि हिंसा के दौरान 45 वाहनों में तोड़फोड़ की गई। उन्होंने सभी समुदायों से शांति बनाए रखने और किसी भी असामाजिक तत्व का समर्थन न करने की अपील की। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बावनकुले ने कहा कि वह नागपुर के पुलिस आयुक्त और जिला कलेक्टर से मुलाकात करेंगे और पूरी घटना की समीक्षा करेंगे। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री ने मुझे इसके लिए निर्देश दिया है।”
औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन के बाद हिंसा भड़कने के चलते नागपुर के कुछ इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। अधिकारियों ने मंगलवार (18 मार्च) को यह जानकारी दी। इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मध्य नागपुर में सोमवार (17 मार्च) शाम भड़की हिंसा में तीन पुलिस उपायुक्तों समेत 12 पुलिसकर्मी घायल हो गए।
पुलिस ने मंगलवार को एक विज्ञप्ति में बताया कि कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकडगंज, पाचपावली, शांति नगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाडा, यशोधरा नगर और कपिल नगर पुलिस थाना क्षेत्र में आने वाले इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है। इसमें कहा गया कि कर्फ्यू के दौरान संबंधित क्षेत्र के पुलिस उपायुक्त आवश्यकतानुसार वाहनों की आवाजाही पर फैसला लेंगे।
अधिकारियों ने कहा कि सोमवार शाम करीब साढ़े सात बजे मध्य नागपुर के चिटनिस पार्क इलाके में तब हिंसा भड़क उठी जब अफवाह फैली कि औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए एक दक्षिणपंथी संगठन द्वारा किए गए आंदोलन के दौरान धर्मग्रंथ जलाया गया है। इस दौरान पुलिस पर पथराव किया गया जिससे छह आम नागरिक और तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस के अनुसार, पुराने भंडारा रोड के पास हंसपुरी इलाके में रात साढ़े 10 से साढ़े 11 बजे के बीच एक और झड़प हुई।
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धर्मग्रंथ जलाए जाने की अफवाह फैलने के बाद नागपुर में हुई हिंसा में कई घरों, वाहनों और एक क्लिनिक में तोड़फोड़ की गई। चश्मदीदों के अनुसार, बेकाबू भीड़ ने इलाके में कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया, घरों और एक क्लिनिक में तोड़फोड़ की।
PTI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, महल इलाके में चिटनिस पार्क के पास ओल्ड हिसलोप कॉलेज इलाके के कुछ निवासियों ने बताया कि शाम करीब साढ़े सात बजे एक भीड़ ने उनके इलाके में हमला बोल दिया और उनके घरों पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए तथा गलियों में खड़ी कई कारों में तोड़फोड़ की। लोगों ने बताया कि भीड़ में शामिल लोगों ने घरों पर पत्थर फेंके और कारों में आगजनी की, घरों में लगे वाटर कूलर और खिड़कियां तोड़ दीं तथा भाग गए।
इस संबंध में एक निवासी ने कहा कि बाद में इलाके में रहने वाले लोगों ने खुद जलते वाहनों की आग बुझाई। स्थानीय लोगों ने हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। हंसपुरी इलाके के निवासी शरद गुप्ता (50) के घर के सामने खड़े चार दोपहिया वाहनों को जला दिया गया। शरद ने बताया कि रात साढ़े 10 से साढ़े 11 बजे के बीच भीड़ ने हमला बोल दिया, पथराव किया और वाहनों में आगजनी की। गुप्ता हमले में घायल हो गए और उन्होंने बताया कि भीड़ ने एक पड़ोसी की दुकान में भी तोड़फोड़ की। उन्होंने कहा कि पुलिस एक घंटे बाद पहुंची। गुस्साए निवासियों ने भीड़ के खिलाफ तत्काल पुलिस कार्रवाई की मांग की।
अधिकारियों ने बताया कि चिटनिस पार्क से शुक्रवारी तालाब मार्ग तक का क्षेत्र हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित रहा, जहां दंगाइयों ने कुछ चार पहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया और घरों पर पत्थर भी फेंके गए।
हंसपुरी इलाके के एक निवासी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि भीड़ ने रात करीब साढ़े 10 बजे उनके घर पर हमला बोल दिया और घर के बाहर खड़ी उनकी गाड़ियों को जला दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हमने दमकल के आने से पहले अपने घर की पहली मंजिल से पानी डालकर आग बुझाई।’’ वहीं, एक अन्य निवासी वंश कवले ने बताया कि भीड़ ने अपने चेहरे ढके हुए थे और सीसीटीवी कैमरा तोड़ दिया। उन्होंने उनके घरों में घुसने की भी कोशिश की।
क्लिनिक के सामने चाय की दुकान करने वाले एक अन्य निवासी ने बताया कि भीड़ क्लिनिक (बंडू क्लिनिक) में घुस गई, सभी मेज तोड़ दीं और दवाइयां फेंक दीं। उन्होंने बताया कि उनकी दुकान में भी तोड़फोड़ की गई।
बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती ने मंगलवार को कहा कि किसी की कब्र को नुकसान पहुंचाना सही नहीं है क्योंकि इससे राज्य में शांति और सद्भाव खराब हो रहा है। मायावती ने कहा कि सरकार को ऐसे उपद्रवी तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने हिंसा प्रभावित नागपुर में भी असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
शिवसेना (UBT) की राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने भी नागपुर में सोमवार को हुई हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा। चतुर्वेदी ने दावा किया कि महाराष्ट्र को रणनीतिक रूप से निवेश के लिए अनाकर्षक बनाने की दिशा में ले जाया जा रहा है, ताकि पड़ोसी राज्य गुजरात को लाभ उठाने में मदद मिल सके।
पुलिस ने महल इलाके के विभिन्न इलाकों में तलाश अभियान के दौरान 15 लोगों को गिरफ्तार किया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और नागपुर से ताल्लुक रखने वाले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हिंसा के मद्देनजर शांति और सद्भाव की अपील की है।
(PTI के इनपुट के साथ)