facebookmetapixel
अमर सुब्रमण्य बने Apple AI के वाइस प्रेसिडेंट, जॉन जियानएं​ड्रिया की लेंगे जगहमारुति सुजूकी ने देशभर में 2,000 से अधिक ईवी चार्जिंग पॉइंट स्थापित कर इलेक्ट्रिक वाहन नेटवर्क किया मजबूतNLCAT ने व्हाट्सऐप और मेटा के डेटा-शेयरिंग मामले में स्पष्टीकरण याचिका पर सुनवाई पूरी कीरुपया 90 के करीब पहुंचा: RBI की दखल से मामूली सुधार, एशिया में सबसे कमजोर मुद्रा बनासुप्रीम कोर्ट फरवरी में करेगा RIL और उसके साझेदारों के कृष्णा-गोदावरी D6 गैस विवाद पर अंतिम सुनवाईसूरत संयंत्र में सुची सेमीकॉन ने शुरू की QFN और पावर सेमीकंडक्टर चिप पैकेजिंगपुतिन की भारत यात्रा: व्यापार असंतुलन, रक्षा सहयोग और श्रमिक गतिशीलता पर होगी अहम चर्चाविमानन सुरक्षा उल्लंघन: DGCA जांच में एयर इंडिया के अधिकारियों को डी-रोस्टर किया गया‘संचार साथी’ पर सरकार का नया स्पष्टीकरण: ऐप हटाने की आजादी, निगरानी न होने का दावाभारत निश्चित रूप से हमारा सरताज है, युवा डिजिटल आबादी ने बढ़ाया आकर्षण: एसबी शेखर

विधायकों की अयोग्यता पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही निर्णय लें चुनाव आयोग : उद्धव ठाकरे

Last Updated- February 08, 2023 | 8:16 PM IST
Uddhav Thackeray

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग से अपील की है कि वह 14 फऱवरी को उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद ही पार्टी के धनुष-तीन चुनाव चिन्ह पर अपना निर्णय दें।

उन्होने विश्वास जताया कि अदालत की अगली सुनवाई में अदालत 16 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।

उद्धव ठाकरे ने बुधवार को संवाददाताओं से बात करते हुए चुनाव आयोग से पार्टी के विभाजन के बाद चुनाव चिन्ह पर अपना फैसला सुनाने का आह्वान किया।

ठाकरे ने सवाल किया गया कि निर्वाचन आयोग ने शिवसेना के नाम और उसके धनुष और तीर के चिह्न पर रोक क्यों लगा दी, जबकि प्रतिद्वंद्वी एकनाथ शिंदे गुट ने अभी तक इसका इस्तेमाल नहीं किया है।

ठाकरे ने अफसोस जताते हुए कहा कि कैसे आजकल कोई भी धन बल का उपयोग करके पीएम या सीएम बन सकता है, जो लोकतंत्र के लिए खतरा है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली असंवैधानिक राज्य सरकार लंबे समय तक नहीं चलेगी और बहुत जल्द गिर जाएगी। महाराष्ट्र के लोग जानते हैं कि यह सरकार कैसे चलाई जा रही है। यह असंवैधानिक सरकार ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगी। यह बहुत जल्द गिर जाएगी।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में कुछ विधायकों के बागी हो जाने के बाद शिवसेना पिछले साल दो गुटों में बंट गई थी। इसके बाद शिंदे के गुट और उद्धव के गुट ने पार्टी के नाम और उसके चिह्न पर अपना दावा पेश करने की कोशिश की थी।

First Published - February 8, 2023 | 8:05 PM IST

संबंधित पोस्ट