Auto-taxis and buses fare hike: मुंबई महानगरीय इलाके में जल्द ही टैक्सी, ऑटो रिक्शा और सिटी बसों के किराये में बढ़ोतरी हो सकती है, क्योंकि राज्य सरकार ने किराये में उल्लेखनीय बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है। टैक्सी-ऑटो के किराए में 15-20 फीसदी, जबकि सिटी बस के किराए में 12-22 प्रतिशत की बढ़ोतरी की संभावना है। हालांकि बेस्ट बसों के किराये में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। सीएनजी और एलपीजी की कीमतें बढ़ने की वजह से ऑटो-टैक्सी यूनियन लम्बे समय से किराये में बढ़ोतरी करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन चुनाव की वजह से उनकी मांग को टाल दिया गया था।
ऑटो-टैक्सी के किराये में अक्टूबर 2022 में बढ़ोतरी होने का प्रस्ताव था लेकिन राजनीतिक वजहों से यह प्रस्ताव लगातार टलता रहा है। पिछले तीन सालों में सीएनजी और एलपीजी की कीमतों में कई बार बढ़ोतरी हो चुकी है लेकिन ऑटो-टैक्सी के किराए में कोई बढ़ोतरी नहीं है। यह मुद्दा लोकसभा और विधानसभा चुनावों से पहले भी उठाया गया था लेकिन चुनावों के कारण इसके फैसले में देरी हुई।
किराए के नए ढांचे के तहत ऑटो रिक्शा का मूल किराया मौजूदा किराए से 23 रुपये से 3 रुपये बढ़ने की संभावना है। जबकि टैक्सी का किराया 4 रुपये तक बढ़ सकता है, जिससे न्यूनतम किराया 28 से बढ़कर 32 रुपये हो जाएगा। ठाणे, नवी मुंबई, मीरा- भायंदर और पुणे जैसे क्षेत्रों में सिटी बस ऑपरेटरों ने महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के साथ किराया समायोजन के लिए विस्तृत प्रस्ताव प्रस्तुत किए हैं। एमएसआरटीसी ने परिवहन किराए में 22 प्रतिशत बढ़ोतरी का सुझाव दिया है। जिससे बढ़ते घाटे को कम करने के लिए प्रति दिन 2 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हो सकता है।
परिवहन के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य परिवहन प्राधिकरण और मुंबई मेट्रोपॉलिटन सड़क परिवहन प्राधिकरण की बैठक में प्रस्तावों को जल्द ही अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है। परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि विभिन्न शहरों में सार्वजनिक परिवहन सेवाएं संचालित करने वाले इनमें से अधिकांश सरकारी निगमों को भारी नुकसान हो रहा है। पिछले साल लोकसभा और विधानसभा चुनावों के कारण किराया बढ़ोतरी में देरी हुई थी। हालांकि इस साल स्थानीय निकाय चुनाव होने की उम्मीद है, लेकिन सरकार ने ज्यादा इंतजार नहीं करने का फैसला किया है क्योंकि नुकसान बहुत बड़ा है और राज्य के खजाने पर बोझ पड़ेगा।
मुंबई शहर सहित पूरे एमएमआर में 10 लाख से अधिक वाहन सीएनजी ईंधन से चलते हैं। सीएनजी के दाम बढ़ गए हैं, ऐसे में सार्वजनिक वाहनों में से रिक्शा चालकों की युनियनों ने किराए में तीन रुपए की बढ़ोतरी की मांग की है। यूनियनों की तरफ से की जा रही लगातार मांग को अब सरकार ज्यादा दिन तक टालने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में माना जा रहा है कि संशोधित किराया जल्द लागू किया जा सकता है जिसका असर मुंबईकरों की जेब पर पड़ेगा।