सिंधुदुर्ग में शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माफी मांगी । प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शिवाजी हमारे लिए सिर्फ एक नाम नहीं हैं। शिवाजी हमारे आराध्य देव हैं। सिंधुदुर्ग में जो हुआ, उसके लिए मैं सिर झुकाकर माफी मांगता हूं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री पहले ही माफ़ी मांग चुके हैं। प्रतिमा गिरने के कारण का पता लगाने के लिए राज्य सरकार ने नौसेना के साथ संयुक्त जांच समिति भी बनाने का ऐलान कर चुकी है।
महाराष्ट्र के पालघर जिले में 76,000 करोड़ रुपये की लागत वाली वधावन बंदरगाह परियोजना की आधारशिला रखने के बाद मोदी ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ एक नाम या राजा नहीं हैं। हमारे लिए वह देवता हैं। आज मैं उनके चरणों में सिर झुकाता हूं और अपने देवता से क्षमा मांगता हूं। हमारे मूल्य अलग हैं। हमारे लिए हमारे देवता से बड़ा कुछ नहीं है।
कुछ लोग वीर सावरकर को गाली देते रहते हैं लेकिन उनका अपमान करने के लिए माफी मांगने को तैयार नहीं हैं। जब मैं यहां पहुंचा, तो मैंने सबसे पहले शिवाजी महाराज से प्रतिमा गिरने के लिए माफी मांगी। मैं उन लोगों से भी माफी मांगता हूं जो इस घटना से आहत हुए हैं।
मोदी ने कहा कि विकसित महाराष्ट्र विकसित भारत के संकल्प का एक अनिवार्य हिस्सा है। इसलिए, पिछले 10 वर्षों में हमने महाराष्ट्र की प्रगति के लिए लगातार बड़े फैसले लिए हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि राज्य और पूरा देश महाराष्ट्र की क्षमताओं का लाभ उठाएं, आज वधावन बंदरगाह की आधारशिला रखी गई है।
शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने पर राज्य के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पहले ही माफ़ी मांग चुके हैं। राज्य सरकार ने घोषणा की है कि नौसेना की अध्यक्षता में राज्य सरकार के प्रतिनिधियों और तकनीकी विशेषज्ञों के साथ एक संयुक्त तकनीकी समिति प्रतिमा गिरने के कारणों की जांच करेगी।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि सरकार ने प्रतिमा गिरने के कारणों का पता लगाने के लिए एक तकनीकी समिति गठित की है। समिति में इंजीनियर, आईआईटी विशेषज्ञ और नौसेना के अधिकारी शामिल होंगे।
शिंदे ने कहा था कि दो संयुक्त समिति बनायी गयी हैं। एक समिति दुर्घटना के कारणों का पता लगाएगी, जबकि दूसरी समिति में विशेषज्ञ, छत्रपति शिवाजी की मूर्तियां बनाने का अनुभव रखने वाले मूर्तिकार, इंजीनियर और नौसेना के अधिकारी शामिल होंगे जो पुनर्निर्माण के पहलू पर विचार करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल चार दिसंबर को नौसेना दिवस के मौके पर सिंधुदुर्ग की मालवण तहसील स्थित राजकोट किले में 17वीं सदी के मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा का उद्घाटन किया था, जो सोमवार को दोपहर एक बजे के आसपास ढह गई थी।
इस घटना से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार को शर्मिंदगी उठानी पड़ी थी और उसे विपक्षी दलों की आलोचनाओं और विरोध-प्रदर्शन का सामना करना पड़ा रहा है। शिंदे ने कहा था कि प्रतिमा का निर्माण भारतीय नौसेना ने किया था।