महाराष्ट्र

किसानों की जीत! निर्यात शुल्क हटने से चमकेगी प्याज की कीमत, सरकार ले सकती है बड़ा फैसला

लासलगांव एपीएमसी में प्याज की नीलामी मंगलवार को फिर शुरू हुई। कीमतों में गिरावट के विरोध में किसानों ने सोमवार को नीलामी रोक दी थी।

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सुशील मिश्र   
Last Updated- March 11, 2025 | 6:10 PM IST

प्याज की कीमतों को काबू में रखने के लिए केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर 20 फीसदी शुल्क लगा रखा है। प्याज की अच्छी पैदावार, किसानों के भारी विरोध और सबसे अधिक प्याज उत्पादक राज्य महाराष्ट्र सरकार के रुख को देखते हुए अब इसे हटाने की संभावना बढ़ गई है। महाराष्ट्र सरकार से भरोसे मिलने पर एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव में किसानों ने प्याज की नीलामी फिर से शुरू कर दी।  

लासलगांव एपीएमसी में प्याज की नीलामी मंगलवार को फिर शुरू हुई। कीमतों में गिरावट के विरोध में किसानों ने सोमवार को नीलामी रोक दी थी। किसानों ने कीमतों में गिरावट के विरोध में पानी की टंकी पर चढ़कर विरोध प्रदर्शन किया था। किसान लम्बे समय से प्याज पर 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क हटाने की मांग कर रहे हैं। राज्य के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने किसानों की समस्याओं पर विचार करने का भरोसा दिया, जिसके बाद किसानों ने अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दिया।

महाराष्ट्र विधानसभा में छगन भुजबल ने प्याज पर 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क समाप्त करने के संबंध में प्रश्न उठाया जिसके उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि प्याज उत्पादन राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है। किसानों की विभिन्न समस्याओं का स्थायी समाधान खोजने के प्रयास किये जायेंगे। राज्य देश का 40 प्रतिशत प्याज उत्पादित करता है। राज्य सरकार प्याज का भण्डारण करने तथा उसे आपूर्ति श्रृंखला में उपलब्ध रखने के प्रयास कर रही है। वे समृद्धि महामार्ग के निकट परमाणु ऊर्जा आधारित प्याज विकिरण प्रसंस्करण केंद्र स्थापित कर प्याज पर निर्यात शुल्क कम करने के लिए केंद्र सरकार से संपर्क करेंगे। शिंदे ने कहा कि परमाणु ऊर्जा आधारित प्याज बैंक, प्याज प्रसंस्करण एवं भंडारण से फसल की बर्बादी रुकेगी और किसानों को उनकी फसल का अच्छा मूल्य मिलेगा। प्याज पर निर्यात शुल्क से संबंधित मुद्दे को सुलझाने का प्रयास किया जाएगा।

‘केंद्र सरकार से कर रहे हैं बातचीत’

विपणन मंत्री जयकुमार रावल ने कहा कि किसानों को अच्छा बाजार मूल्य मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार लगातार केंद्र सरकार के साथ संपर्क में है। राज्य सरकार उचित प्याज योजना के माध्यम से बाजार में अस्थिरता को कम करने के लिए दीर्घकालिक समाधान विकसित करने का इरादा रखती है। केंद्र सरकार ने इससे पहले प्याज पर 40 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लगाया था। राज्य सरकार के लगातार अनुरोध के बाद यह शुल्क घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया। रावल ने कहा कि प्याज एक शीघ्र खराब होने वाली फसल है। सरकार इसे लम्बे समय तक बनाये रखने के लिए विभिन्न स्तरों पर कार्रवाई कर रही है। सरकार मार्केटिंग बोर्ड के माध्यम से प्याज मूल्य प्रणाली लागू करने का इरादा रखती है। महाराष्ट्र के प्याज की हर जगह अच्छी मांग है। प्याज के निर्यात के लिए आवश्यक प्रयास किए जाएंगे।

प्याज से निर्यात शुल्क हटाने की मांग दूसरे राज्यों के किसान भी कर रहे हैं। क्योंकि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान में नई फसलों की आवक दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है और प्याज की कीमतें लगातार गिर रही हैं। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने हाल ही में पुष्टि की थी कि इस साल प्याज की बुवाई का रकबा पिछले साल से करीब 25 फीसदी ज्यादा है और बंपर पैदावार होगी । 28 फरवरी को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि क्षेत्र की प्रगति को लेकर समीक्षा बैठक थी । इसमें उन्होंने अधिकारियों से फसलों की बुवाई, खरीद, मौसम और जलाशयों की स्थिति और फसलों के थोक व खुदरा भाव के बारे में जानकारी ली थी। माना जा रहा है कि केन्द्र सरकार जल्द ही प्याज से निर्यात शुल्क हटा सकती है या फिर कम कर सकती है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक लासलगांव कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) में सोमवार को नीलामी के लिए 11,500 क्विंटल प्याज मंडी में लाया गया। प्याज की ग्रीष्मकालीन फसल के लिए कीमतें न्यूनतम 1,000 रुपए प्रति क्विंटल, अधिकतम 2,201 रुपए प्रति क्विंटल और औसत 1,800 रुपए प्रति क्विंटल थीं। दूसरी ओर, लाल प्याज की कीमतें न्यूनतम 800 रुपए प्रति क्विंटल, अधिकतम 2,005 रुपए प्रति क्विंटल और औसत 1,700 रुपए प्रति क्विंटल थीं। ये कीमतें सिर्फ पांच दिन पहले 2,250-2300 रुपए थी।

First Published : March 11, 2025 | 6:01 PM IST