सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) और शिवसेना के सदस्यों के बीच मंत्रिमंडल के विस्तार का बेसब्री से इंतजार है। विधानमंडल के मानसून सत्र के पहले मंत्रिमंडल के विस्तार का दावा किया जा रहा है। इसके साथ ही आगामी लोकसभा में चुनाव में सीट बांटवारे को लेकर जुबानी तीर छोड़े जाने लगे हैं।
महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना नेता शंभूराज देसाई ने कहा कि बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार राज्य विधानसभा के मॉनसून सत्र या उससे भी पहले हो जाएगा। मॉनसून सत्र का कार्यक्रम अभी घोषित नहीं किया गया है।
देसाई ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और भाजपा के बीच अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप नहीं दिया गया है। भाजपा ने आधिकारिक तौर पर यह नहीं बताया है कि वह महाराष्ट्र में कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। हमारे राज्य के नेता एक फार्मूले पर फैसला करेंगे और अंतिम मंजूरी शिवसेना-भाजपा की केंद्रीय समिति द्वारा दी जाएगी। हमारी मांग है कि हमने जो भी सीटें जीती हैं या अपने चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ा है, वह हमारे पास रहे। सीट बंटवारे पर हमारे बीच कोई विवाद नहीं है।
दूसरी तरफ शिवसेना विधायक और महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने चेतावनी भरे लहजे में कहते हैं कि शिवसेना ने 2019 के आम चुनावों में 23 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा और 18 सीटों पर जीत हासिल की। अगले लोकसभा चुनाव में हम वही करेंगे।
शिवसेना 23 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। हम ही असली और अधिकृत शिवसेना है, कोई हमको हलके में न ले। कोई हमको हलके में ले, यह हमको मंजूर नहीं है। तानाजी सावंत का यह बयान बीजेपी और शिवसेना (शिंदे) के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर जुबानीजंग की बड़ी शुरूआत मानी जा रही है।
शिवसेना के वरिष्ठ नेता गजानन कीर्तिकर ने कहते हैं कि एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी के बीच सीट बंटवारे की व्यवस्था 2019 की तरह ही रहेगी। शिवसेना ने पिछली बार 48 में से 23 सीटों पर चुनाव लड़ा थी और 18 पर जीत हासिल की थी, जबकि भाजपा ने 26 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 23 पर जीत हासिल की थी। इस बार भी यही व्यवस्था रहेगी । शिवसेना प्रवक्ता दीपक केसरकर ने कहा कि उनकी पार्टी को उम्मीद है कि सीटों के बंटवारे से संबंधित फॉर्मूले में कोई बदलाव नहीं होगा।
केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री रामदास आठवले ने भी अपना दावा ठोकते हुए कहा कि आरपीआई (ए) को महाराष्ट्र में अगले मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्री पद मिलना चाहिए। मैंने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ इस पर चर्चा की थी। हमें भी सत्ता साझा करने का अवसर मिलना चाहिए।
आरपीआई (ए) भाजपा और शिवसेना के साथ गठबंधन में महाराष्ट्र में नगर निगमों और जिला परिषदों के आगामी चुनाव लड़ेगी। आठवले ने कहा कि मैं यह सुनिश्चित करने की कोशिश करूंगा कि आरपीआई को महाराष्ट्र में चुनाव लड़ने के लिए कम से कम दो से तीन लोकसभा सीट और 10 से 15 विधानसभा सीट मिलें। वह 2024 के चुनावों में शिरडी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहेंगे। आठवले की पार्टी भाजपा के नेतृत्व वाले राजग की घटक है ।
दूसरी ओर भाजपा नेता एवं संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि सीटों के बंटवारे को लेकर अभी तक कोई फॉर्मूला तय नहीं हुआ है । किसी भाजपा नेता ने यह नहीं कहा कि एकनाथ शिंदे की मांगें नहीं मानी जाएंगी।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने सोमवार को कहा था कि शिवसेना और भाजपा भविष्य के सभी चुनाव एक साथ लड़ेंगी, जिसमें लोकसभा, विधानसभा और निकाय चुनाव शामिल हैं।
पिछले साल जून में सत्ता में आने के बाद नौ अगस्त को शिंदे-फडणवीस सरकार में 18 मंत्रियों को शामिल किया गया था, जबकि नियमों के मुताबिक राज्य में मंत्रिमंडल में अधिकतम 43 सदस्य हो सकते हैं। हालांकि, शिंदे और फडणवीस ने मंत्रिमंडल के विस्तार के लिए कोई खास समयसीमा नहीं बताई है।