महाराष्ट्र के अहमदनगर और कोल्हापुर में तनाव है। अहमदनगर में एक जुलूस के दौरान 17वीं शताब्दी के मुगल बादशाह औरंगजेब की तस्वीर लहराए जाने की घटना तथा कोल्हापुर में कुछ स्थानीय लोगों द्वारा टीपू सुल्तान की तस्वीर तथा आपत्तिजनक ऑडियो संदेश सोशल मीडिया स्टेटस लगाने को लेकर विवाद गरमाया हुआ है।
हिंदू संगठनों ने कोल्हापुर में आज बंद बुलाया था। इस दौरान पुलिस से झड़प के बाद वहां 19 जून तक के लिए धारा 144 लगाई गई है।
महाराष्ट्र में औरंगजेब पर नया सियासी घमासान तेज हो गया है। राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि महाराष्ट्र के कुछ जिलों में औरंगजेब की औलादें पैदा हुई हैं। वे औरंगजेब की फोटो दिखाते, रखते और स्टेटस लगाते हैं। इस वजह से समाज में दुर्भावना और तनाव पैदा हो रहा है।
उन्होंने कहा, सवाल यह है कि अचानक औरंगजेब की इतनी औलादें कहां से पैदा हो गई हैं। इसका असली मालिक कौन है, वह हम ढूंढेंगे। परिस्थिति नियंत्रण में है। हमारी लोगों से अपील है कि वे कानून अपने हाथ में न लें।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने दावा किया कि महाराष्ट्र में कुछ छोटे मुद्दों को धार्मिक रंग दिया जा रहा है और सत्ताधारी दल ऐसी चीजों को बढ़ावा दे रहे हैं, जो चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था और शांति बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है। लेकिन अगर सरकार ही लोगों को भड़काती है और समाज में फूट पैदा करती है तो यह अच्छा संकेत नहीं है। अगर सत्ता पक्ष और उनके लोग इसे लेकर सड़कों पर उतर आते हैं तथा दो धर्मों के बीच दरार पैदा करते हैं तो यह शुभ संकेत नहीं है। अगर औरंगाबाद में पोस्टर दिखाया जाता है, तो पुणे में हिंसा की क्या जरूरत है। लेकिन ऐसा होने दिया जा रहा है। हाल ही में हमने अहमदनगर के बारे में सुना। आज मैंने कोल्हापुर से एक खबर देखी। लोग सड़कों पर निकल आए और फोन पर संदेश भेजने की एक छोटी सी घटना को धार्मिक रंग देना अच्छा संकेत नहीं है।
फडणवीस ने कहा कि कुछ नेताओं की ओर से राज्य में दंगे जैसे हालात संबंधी बयान तथा किसी खास समुदाय के एक वर्ग द्वारा औरंगजेब तथा टीपू सुल्तान को महिमामंडित किए जाने की घटना महज इत्तेफाक नहीं हो सकती, हमें इस मामले की तह तक जाना चाहिए। मुगल शासक औरंगजेब को महिमामंडित करने के कृत्य को महाराष्ट्र में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जांच करके यह पता लगाया जएगा कि युवकों के एक वर्ग को कौन उकसा रहा है। फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र छत्रपति शिवाजी महाराज के आदर्शों का पालन करता है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शांति बनाए रखने की अपील की और लोगों से कानून हाथ में नहीं लेने का अनुरोध किया। शिंदे ने कहा कि कानून हाथ में लेने वाले किसी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। मैं स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हूं और आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। सामान्य लोगों का कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। जनता को शांति बनाए रखने में प्रशासन की मदद करनी चाहिए।
पश्चिम महाराष्ट्र के कोल्हापुर शहर में पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा । 19 जून तक निषेधात्मक आदेश लागू कर दिया हैं। पांच या इससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मंगलवार को पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की तथा सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया। बुधवार को फिर से प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए।
कोल्हापुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) महेंद्र पंडित ने बताया कि कुछ संगठनों ने कोल्हापुर बंद का आह्वान किया था और उनके कार्यकर्ता आज शिवाजी चौक पर जमा हुए थे। प्रदर्शन के बाद भीड़ लौट रही थी, तभी कुछ उपद्रवियों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी जिसकी वजह से पुलिस को उनके खिलाफ बल प्रयोग करना पड़ा ताकि वे तितर-बितर हो सकें। पुलिस ने उपद्रवियों का पता लगाना और उन्हें हिरासत में लेना शुरू कर दिया है।
कोल्हापुर के जिलाधिकारी राहुल रेखावार ने कहा कि मैं सभी लोगों से यह सुनिश्चित करने की अपील करता हूं कि एक प्रगतिशील जिले के रूप में कोल्हापुर की छवि बरकरार रहे। मैं उनसे अफवाहों पर विश्वास न करने का आग्रह करता हूं। स्थिति नियंत्रण में है और अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया है।
कोल्हापुर के प्रभारी मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है जिन्होंने टीपू सुल्तान की तस्वीर के साथ आपत्तिजनक ऑडियो संदेश सोशल मीडिया पर पोस्ट किया।