महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक तूफानी हलचलों के बीच विधानमंडल के मानसून सत्र के तारीख का ऐलान कर दिया गया। महाराष्ट्र विधानमंडल का मानसून सत्र 17 जुलाई से 4 अगस्त 2023 तक मुंबई में आयोजित किया जाएगा।
हालांकि मंत्रिपरिषद विस्तार पर अभी तक कोई फैसला नहीं हो सका है। राज्य में जारी राजनीतिक उठापटक को देखते हुए मानसून सत्र का हंगामेदार होना तय माना जा रहा है।
शुक्रवार को विधानसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में महाराष्ट्र विधानमंडल के मानसून सत्र पर फैसला लिया गया। विधानसभा अध्यक्ष एडवोकेट राहुल नार्वेकर और विधान परिषद की उपसभापति डॉ. नीलम गोरे ने समिति की बैठक तारीखों का ऐलान किया।
बैठक में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार और राकांपा नेता छगन भुजबल मौजूद थे। इस बार मानसून सत्र 19 दिनों का होगा जिसमें चार दिन सार्वजनिक अवकाश होने के कारण सत्र के वास्तविक कार्य दिवस 15 दिन होंगे।
मंत्रिमंडल का विस्तार अधिवेशन के बाद होने की संभावना
विधानमंडल के मानसून सत्र के साथ मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा जोरों पर हैं, माना जा रहा था कि अधिवेशन के पहले मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा। लेकिन सहयोगी दलों में चल रही खींचतान को देखते हुए माना जा रहा है कि अब मंत्रिमंडल का विस्तार अधिवेशन के बाद ही किया जाएगा।
भाजपा के सूत्रों ने कहा कि सत्र से पहले मंत्रिपरिषद के विस्तार की संभावना नहीं है, हालांकि राकांपा से मंत्रियों को विभागों का आवंटन आने वाले दिनों में हो सकता है।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हो सकता है कि मंत्रिपरिषद में केवल कैबिनेट मंत्री हों, न कि कोई राज्य मंत्री। जबकि शिंदे गुट के नेताओं का कहना है कि मंत्रिपरिषद विस्तार एक या दो दिन में हो सकता है। भाजपा और शिवसेना दोनों के सदस्यों को शामिल किया जाएगा।
शिंदे खेमे में बेचैनी
ऐसी अटकलें हैं कि अजित पवार के नेतृत्व वाले राकांपा गुट के सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा बनने के बाद शिंदे खेमे में बेचैनी है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से गुरुवार देर रात मुलाकात की। अजित पवार और राकांपा के आठ विधायकों को राज्य मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने से शिवसेना विधायकों के असहज होने की खबरों का शिंदे द्वारा खंडन किए जाने के कुछ दिन बाद यह बैठक हुई।
शिंदे ने दावा किया है कि वह 2024 तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे। रविवार को महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में राकांपा नेताओं के शामिल होने से मंत्रियों की संख्या अब 29 हो गई है। मंत्रिमंडल में अभी 14 और मंत्री नियुक्त किए जा सकते हैं।
दोनों नेताओं की देर रात हुई बैठक के बारे में शरद पवार नीत राकांपा गुट ने कहा कि इससे साबित होता है कि मंत्रिमंडल में राकांपा विधायकों को शामिल किए जाने से शिंदे गुट और भाजपा की राज्य इकाई में अंसतोष है।
उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के हाथ मिलाने की भी चर्चा जोरों पर
शरद पवार खेमे के प्रवक्ता महेश तपासे ने कहा कि शिंदे के विधायकों को लगता है कि अगर अजित पवार और उनके विधायकों को बड़े पद मिलते हैं तो जिस उद्देश्य के लिए वे बागी हुए और उद्धव ठाकरे की महा विकास आघाडी सरकार गिराई गई, वह सब व्यर्थ हो जाएगा। शिंदे के विधायकों में इस बात को लेकर बेचैनी है कि वे कैसे दोबारा मतदाताओं को अपना चेहरा दिखाएंगे। शिवसेना के विधायक इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि उन्हें मंत्री पद मिलेगा भी या नहीं।
इस बीच उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के हाथ मिलाने की भी चर्चा जोरों पर हैं। शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने दावा किया कि शिंदे खेमे के चार लोगों ने आज भी हमसे बात की है। राज्यसभा सांसद संजय राउत ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे से करीबी बढ़ाने पर भी खुलकर बात की।
उन्होंने कहा, “राज ठाकरे से बात करने के लिये कोई मध्यस्तता नहीं चाहिए। उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे भाई हैं, कभी भी बात कर सकते हैं। कल मेरी उद्धव ठाकरे से राज ठाकरे के बारे में बातचीत हुई है । राज ठाकरे से हमारा भावनात्मक रिश्ता है।”