महाराष्ट्र राज्य कर विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में शानदार प्रदर्शन करते हुए एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। विभाग ने 2,25,300 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व अर्जित किया है, जो राज्य के कुल कर राजस्व का 60 फीसदी से अधिक है। यह पिछले वित्त वर्ष 2023-24 की तुलना में 13.6 फीसदी अधिक है। जो वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 2,21,700 करोड़ रुपये के बजट अनुमान से अधिक है।
घरेलू लेनदेन से अधिक राजस्व मिलने की वजह से सरकारी तिजोरी में जमकर कर जमा हुआ है। सबसे ज्यादा वस्तु एवं सेवा कर (GST) से की वृद्धि दर 14.8 फीसदी रही, जबकि देशभर में कुल GST राजस्व वृद्धि दर केवल 8.6 फीसदी है और महाराष्ट्र ने इस क्षेत्र में अन्य राज्यों की तुलना में काफी तेजी से प्रगति की है। इस उल्लेखनीय सफलता के पीछे उन अधिकारियों और कर्मचारियों की कड़ी मेहनत है जो करदाता अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए निरंतर निगरानी और अनुवर्ती कार्रवाई करते हैं।
रिफंड कटौती से पहले सकल GST राजस्व में वृद्धि 15.6 फीसदी की उल्लेखनीय वृद्धि है। यह दर प्रमुख राज्यों में सबसे अधिक है। GST राजस्व संग्रह में दूसरे सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश (84,200 करोड़ रुपये) की तुलना में महाराष्ट्र ने दोगुने से अधिक राजस्व एकत्र किया है । महाराष्ट्र ने देश के शीर्ष सात राज्यों में सबसे अधिक GST राजस्व वृद्धि दर हासिल की है । वित्तीय दृष्टि से विभाग ने कुल 1,000 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्र किया है । 1,72,379 करोड़ रुपये, जिसमें राज्य GST (SGST) के रूप में 1,13,769 करोड़ रुपये और एकीकृत GST (IGST) के रूप में 58,610 करोड़ रुपये प्राप्त हुए । इसके अलावा , रिफंड में वृद्धि (30.4 फीसदी) विभाग की करदाताओं को समय से पहले रिफंड जारी करने की क्षमता को भी दर्शाती है, जिससे आपूर्तिकर्ताओं के लिए कार्यशील पूंजी उपलब्ध होती है।
राजस्व विभाग ने मूल्य वर्धित कर (VAT) से भी जमकर कमाई की है। वित्त वर्ष 2024-25 में वैट वसूली 11 फीसदी बढ़कर 59,231 करोड़ रुपये पहुंच गया। पिछले साल महाराष्ट्र में वैट से 53,380 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था। प्रोफेशनल टैक्स से प्राप्त होने वाला राजस्व भी चार फीसदी बढ़कर 3072 करोड़ रुपये पहुंच गया जोकि वित्त वर्ष 2023-24 में 2953 करोड़ रुपये था।
राज्य के राजस्व में लगातार रिकॉर्ड वृद्धि राज्य की अर्थव्यवस्था में वृद्धि के साथ-साथ GST विभाग द्वारा किए गए अतिरिक्त प्रयासों के कारण हासिल हुई। आंकड़ों का गहन विश्लेषण, प्रवर्तन मामलों की गहन निगरानी, धोखाधड़ी करने वाले विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई , फर्जी आईटीसी दावों में शामिल संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई और कठोर वसूली जैसे सक्रिय प्रयासों ने राज्य की राजस्व वृद्धि की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वस्तु एवं सेवा कर विभाग के अथक प्रयासों से न केवल अपेक्षा से अधिक वृद्धि हुई है, बल्कि महाराष्ट्र में अन्य सभी कर स्रोतों की तुलना में सर्वाधिक वृद्धि भी हुई है।