स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा
Kunal Kamra controversy: स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा की महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर की गई टिप्पणी से राज्य में बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इसकी गूंज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तक सुनी गई है। शिंदे गुट की शिवसेना के गुस्साए कार्यकर्ताओं ने रविवार रात को उस हैबिटेट स्टूडियो और यूनिकॉन्टिनेंटल होटल में जमकर तोड़फोड़ की, जहां कामरा ने अपना शो शूट करने के दौरान बिना नाम लिए शिंदे को गद्दार कहा था।
विवाद बढ़ने पर बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने सोमवार शाम को होटल के बेसमेंट में बनाया गया स्टूडियो का ढांचा और अन्य अस्थायी शेड भी गिरा दिया। एक निगम अधिकारी ने कहा, ‘हमने स्टूडियो का ढांचा गिरा दिया है, क्योंकि होटल के बेसमेंट में इसे बनाने की बीएमसी से इजाजत नहीं ली गई थी।’
इससे पहले हैबिटेट स्टूडियो ने ऐलान किया था कि शिवसेना के कार्यकर्ताओं की तोड़फोड़ के बाद उन्होंने स्टूडियो बंद करने का फैसला लिया है। इससे पहले एक पोस्ट में स्टूडियो ने माफी भी मांगी थी। हाल ही में विवादों में घिरा इंडियाज गॉट लैटेंट शो भी इसी हैबिटेट स्टूडियो में शूट हुआ था।
शिवसेना (उद्धव) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सरकार से सवाल पूछा है कि कामरा पर तो फौरन कार्रवाई की गई लेकिन नागपुर के उस पत्रकार के खिलाफ कुछ नहीं हुआ जिसने मराठा राजा छत्रपति शिवाजी और संभाजी का अपमान किया था।
एकनाथ शिंदे के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी पर मुंबई पुलिस ने सोमवार दोपहर में कामरा के खिलाफ एक मामला दर्ज कर लिया है। दूसरी ओर हैबिटेट स्टूडियो में तोड़फोड़ के लिए पुलिस ने शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के 12 कार्यकर्ताओं को भी गिरफ्तार किया है। इनमें पार्टी के पदाधिकारी राहुल कुणाल भी शामिल हैं।
इस मुद्दे पर महाराष्ट्र में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता बंटे हुए हैं। राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कामरा से माफी मांगने को भी कहा है। वहीं इस मुद्दे पर विधान सभा के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। सत्ताधारी पक्ष के विधायकों ने कामरा के खिलाफ प्रदर्शन किया।
शिवसेना (उद्धव) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कहा कि कुणाल कामरा ने कुछ भी गलत नहीं कहा है, उन्होंने तथ्य सामने रखा है और जैसा जनता सोचती है, उस आवाज को सामने रखा है।
उन्होंने कहा, ‘कामरा ने कुछ भी गलत नहीं किया। इन गद्दारों को सोलापुरकर और कोरतकर जैसे लोग नहीं दिखते, जिन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान किया।’ उद्धव का इशारा नागपुर के पत्रकार प्रशांत कोरतकर की गिरफ्तारी के लिए उठ रही आवाजों की ओर था, जिन्होंने छत्रपति शिवाजी और छत्रपति संभाजी महाराज के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
उद्धव की प्रतिक्रिया के बाद हरकत में आई पुलिस ने आरोपी पत्रकार को बाद में तेलंगाना से गिरफ्तार भी कर लिया। कोरतकर के खिलाफ 26 फरवरी को समुदायों के बीच नफरत फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सोमवार को कहा कि किसी को भी कानून तोड़ने का अधिकार नहीं है। लोग जो कुछ भी कहें, खूब सोच-विचार कर बोलें।