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तीसरी मुंबई के रुप में तेजी से विकसित हो रही नवी मुंबई के विकास पर सरकार को पूरा ध्यान है। इस इलाके में कई बड़ी परियोजनाएं चल रही हैं लेकिन पिछले कई सालों से इस क्षेत्र की सैकड़ों आवासीय परियोजनाएं अटकी पड़ी हुई है। इन परियोजनाओं में घर खरीदने वाले और उनको विकसित करने वाले भवन निर्माता दोनों परेशान है।
अटकी पड़ी परियोजनाओं दोबारा शुरु करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने एक नई अभय योजना की घोषणा की जिसके तहत अधिभोग प्रमाण पत्र (Occupancy Certificates) जारी करने के लिए खास छूट जाएगी।
सिडको की नई अभय योजना के अनुसार, इमारतों को अतिरिक्त राशि की वसूली के बिना अधिभोग प्रमाण पत्र, लीज एग्रीमेंट, इमारतों का अभिहस्तांतरण दिया जाएगा। यह अभय योजना 31 मार्च 2014 तक लागू रहेगी।
साथ ही अभय योजना के मुताबिक अब से अतिरिक्त राशि की वसूली अधिभोग प्रमाणपत्र, लीज एग्रीमेंट/इमारतों का अभिहस्तांतरण से नहीं जुड़ी होगी, बल्कि इस राशि की वसूली अलग से की जाएगी। इससे पहले नवी मुंबई क्षेत्र में सिडको के तहत अतिरिक्त राशि की वसूली के अलावा कोई अधिभोग प्रमाण पत्र/लीज एग्रीमेंट/इमारतों का अभिहस्तांतरण जारी नहीं किया गया था।
नवी मुंबई क्षेत्र में सिडको के तहत अतिरिक्त राशि की वसूली के लिए लंबित इमारतों को अधिभोग प्रमाण पत्र (O.C)लीज एग्रीमेंट, अभिहस्तांतरण करने का निर्देश मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दिया है।
सिडको ने एक नई अभय योजना की घोषणा की है । इससे आम नागरिकों की प्रलंबित समस्याओं को बिना आर्थिक बोझ वहन किये हल करने के लिए यह निर्णय लिया गया है । इससे कई आम फ्लैट धारकों को सीधा फायदा होगा। इसी तरह, भूखंड विकास के लिए अधिमूल्य पर छूट देने से भी रुके हुए प्रोजेक्ट को शुरु करने में मदद मिलेगी।
अभय योजना के तहत जो बिल्डर निर्धारित अवधि के भीतर भूखंड विकसित करने में असमर्थ हुए हैं, सरकार ने उन डेवलपर्स को 31 मार्च 2024 तक देय अतिरिक्त लीज शुल्क की राशि में 40 फीसदी की छूट देने का भी निर्णय लिया है । इसके अलावा सरकार ने अतिरिक्त कीमत कम करने का भी रणनीतिक फैसला लिया है।
सरकार ने उन सभी इमारतों को नियमित करने की नीति की भी योजना बनाई है जहां छोटे बंगलों और रो हाउस प्लॉटों पर एक से अधिक फ्लैट बने हैं।
नवी मुंबई में सैकड़ों प्रॉजेक्ट हैं, जो वर्षों से अटके पड़े हैं। प्रॉजेक्ट के नाम पर कई बिल्डरों ने लोगों के घर खाली करवा लिए हैं। जमीन खाली करवाने के कई वर्ष बीत जाने के बाद भी वहां पर अब तक प्रॉजेक्ट पर काम ही शुरू नहीं हो पाया है। हजारों लोगों को बेघर करने के बाद बहुत से बिल्डरों ने उन्हें किराया देना भी बंद कर दिया है। सरकार इन्ही इन अधूरे प्रॉजेक्ट को पूरा करने के लिए नई योजना लेकर आई है।