महाराष्ट्र विधान सभा की बजट प्रारंभ हो गया है। पहले दिन राज्यपाल रमेश बैस के अभिभाषण से सत्र की शुरुआत हुई। जिसमें राज्य के विकास के लिए युति सरकार की योजनाओं और केंद्र सरकार से मिल रही सहायताओं की चर्चा की गई। जबकि, सत्र के पहले शिवसेना द्वारा जारी किये गए व्हिप पर ठाकरे गुट आक्रामक दिखा और इसे सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के विपरीत बताया है।
शिंदे फडणवीस सरकार का राज्य में तीसरा सत्र है। इस काल में राज्य सरकार द्वारा किये गए कार्यों और लाभकारी योजनाओं की प्रस्तुति राज्यपाल के अभिभाषण में सुनने को मिली।
महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस ने राज्य विधानमंडल को सूचित किया कि राज्य सरकार वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान 600 रोजगार मेलों का आयोजन करेगी। राज्य विधानमंडल का बजट राज्यपाल के दोनों सदनों के संयुक्त संबोधन के साथ शुरू हुआ।
बैस ने अपने संबोधन में कहा कि 1.25 लाख रोजगार सृजित करने के लिए 45 कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। 24 परियोजना प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है, जिससे 87,774 करोड़ रुपये का निवेश होगा और 61,000 रोजगार सृजित होंगे।
राज्य सरकार ने पिछले महीने दावोस में विश्व आर्थिक मंच बैठक में 1.37 लाख करोड़ रुपये के निवेश के लिए 19 कंपनियों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए। मेरी सरकार ने 4.85 लाख युवाओं और 2.81 लाख किसानों के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत सफलतापूर्वक प्रशिक्षण का आयोजन किया है। राज्य सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों और उनके जीवनसाथी की पेंशन को 10,000 रुपये से दोगुना करके 20,000 प्रति माह कर दिया है।
शिवसेना के मुख्य प्रतोद भरत गोगावले ने सत्र के आरंभ होने के पहले सूचित किया कि, उन्होंने सदन में उपस्थिति को लेकर व्हिप जारी किया है। लेकिन कार्रवाई नहीं की जाएगी। इस पर ठाकरे गुट के विधायक सुनील प्रभू ने उत्तर देते हुए कहा है कि, वह व्हिप हमें अभी नहीं मिला है। उन्होंने न्यायालय में व्हिप जारी न करने का वचन दिया था। यदि ऐसे व्हिप पर कोई कार्रवाई होती है तो न्यायालय में चुनौती देने की हमारी तैयारी है। इस बीच ठाकरे गुट के वरिष्ठ विधायक भाष्कर जाधव ने कहा है कि, उस व्हिप को हम भीख भी नहीं डालेंगे।