महाराष्ट्र राज्य सड़क एवं परिवहन निगम राज्य भर में बस स्टेशनों को चरणबद्ध तरीके से विकसित करेगा। निगम कुछ बस डिपो को खुद विकसित करेगा जबकि कुछ को सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से विकसित किया जाएगा। निगम अपनी 1360 हेक्टेयर जमीन को विकसित करने के लिए महाराष्ट्र चैंबर ऑफ हाउसिंग इंडस्ट्रीज (क्रेडाई) से योगदान करने की अपील की है। बस स्टेशनों को विकसित करने के साथ ही निगम ने 25 हजार नई बसें खरीदने की योजना तैयार की है।
महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) अपने बेड़े में बसों की संख्या बढ़ाने के साथ उसकी आय बढ़ाने पर भी जोर दे रहा है। महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने कहा कि एसटी निगम के पास राज्य भर में 842 स्थानों पर 1360 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध है। इन स्थानों को शहरी, अर्ध-शहरी और ग्रामीण के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
इन जमीनों का उपयोग और हस्तांतरण या निजी सार्वजनिक भागीदारी के आधार पर विकास करना और संबंधित डेवलपर से वहां एसटी निगम द्वारा आवश्यक बस स्टैंड, डिपो और स्थापना कार्यालयों का निर्माण करवाना है। इसके साथ ही जिले में कम से कम 100 बिस्तरों वाला आधुनिक अस्पताल , इलेक्ट्रिक बस चार्जिंग स्टेशन, वर्षा जल संचयन और सौर पैनल जैसी पर्यावरण पूरक परियोजनाएं स्थापित होने की जानी है। इसके बदले में संबंधित डेवलपर अपनी सुविधा के अनुसार उस जमीन पर व्यावसायिक क्षेत्र विकसित कर सकता है। एसटी कॉर्पोरेशन द्वारा इस संबंध में जल्द ही एक व्यापक नीति लाई जाएगी और इसके लिए क्रेडाई जैसे रियल एस्टेट क्षेत्र के संगठन से सुझाव और प्रस्ताव दिए जाने चाहिए।
एसटी बसों की संख्या को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार अगले पांच सालों में 25 हजार नई बसे खरीदेगा। सरनाईक ने बताया कि एसटी कॉर्पोरेशन हर साल 5,000 बसें खरीदेगा। ये सभी बसें एसटी की खुद के स्वामित्व वाली होंगी। इसके लिए निगम ने पांच साल की योजना तैयार कर रहा है। निगम में किसी भी तरह से बसों को पट्टे पर नहीं देने का फैसला लिया।
एसटी कॉर्पोरेशन के उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. माधव कुसेकर एवं विभाग प्रमुख अधिकारियों के साथ बैठक में परिवहन मंत्री ने कहा कि नई बसें खरीदते समय उन बसों पर भी विचार किया जाना चाहिए जो अगले पांच साल में स्क्रैप (यात्री सेवा से हटाई) कर दी जाएंगी। इस संबंध में एक व्यापक अध्ययन किया जाना चाहिए और एक पंचवर्षीय योजना तैयार की जानी चाहिए।
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एसटी निगम द्वारा इलेक्ट्रिक बसें खरीदी जा रही हैं। इसके लिए प्रत्येक डिपो में प्राथमिकता के आधार पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। आय बढ़ाने के लिए अनुपूरक योजनाएं तैयार की जा रही हैं। एसटी निगम नई विज्ञापन नीति लाएगा। जिसके तहत नई बसों में तीनों तरफ, दोनों तरफ और पीछे, डिजिटल विज्ञापन होना चाहिए। विज्ञापन नीति के अन्य पहलुओं की जांच की जा रही है। इससे प्राप्त होने वाले राजस्व को 100 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
निगम की बसों को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की सड़कों पर टोल से छूट के लिए केन्द्र सरकार से मांग की गई है और डीजल पर वैट में राहत देने के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। एसटी कॉर्पोरेशन के प्रत्येक डिपो में एक डीजल पंप शुरू करके आय बढ़ाने के विकल्प पर विचार किया जा रहा है। इस संबंध में ईंधन कंपनियों के साथ समझौता किया जाना है।