महाराष्ट्र में लगातार जारी सियासी घमासान के बीच आखिरकार मंत्रालय का बंटवारा हो गया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विभागों का बंटवारा करते हुए अजित पवार गुट को उनकी मांग के मुताबिक वित्त और सहकारिता विभाग सौंपा दिया।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Ajeet Pawar) वित्त मंत्रालय और दिलीप वलसे पाटिल सहकारिता विभाग की जिम्मेदारी मिली है। एकनाथ शिंदे गुट से तीन और भाजपा की तरफ से 6 मंत्रालय पवार गुट दिये गए हैं।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मौजूदा मंत्रियों के विभागों में भी कुछ बदलाव करने के बाद राज्य मंत्रिमंडल में नवनियुक्त मंत्रियों के विभागों के आवंटन की घोषणा की।
राज्यपाल रमेश बैस की मंजूरी के बाद मंत्रियों के विभागों की घोषणा की गई। अजित पवार वित्त और योजना विभाग, छगन भुजबल खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग, धनंजय मुंडे को कृषि मंत्रालय, हसन मुशरीफ को चिकित्सा और शिक्षा विभाग सौंपा गया।
अदिति तटकरे को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, दिलीप वलसे पाटील को सहकारिता विभाग मिला। वहीं संजय बनसोडे को खेल और युवा कल्याण मंत्रालय दिया गया।
सरकार में अजित पवार गुट स्थान देने के लिए एकनाथ शिंदे के गुट ने विभाग कृषि, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, राहत और पुनर्वास विभाग जबकि भाजपा को वित्त, सहयोग, चिकित्सीय शिक्षा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, खेल और महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय को छोड़ना पड़ा है।
अजित पवार गुट वित्त के साथ ही सहकारिता मंत्रालय को लेकर शुरुआत से आक्रामक था। जबकि शिंदे गुट के विधायक अजित पावर को वित्त मंत्रालय देने के पक्ष में नहीं थे। अंततः ये दोनों विभाग एनसीपी को मिल गए।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि सरकार में शामिल होने के पहले ही अजीत पवार ने ये दोनों विभाग मांगे थे और भाजपा की तरफ से उन्हे देने का वादा भी किया गया था। इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को भी थी लेकिन इन दोनों को अपने विधायकों को समझाने के लिए थोड़ा वक्त चाहिए था इसीलिए विभागों के बंटावरे में समय लगा। ये दोनों विभाग एनसीपी के लिए महत्वपूर्ण हैं।
क्योंकि एनसीपी के दर्जन भर से अधिक नेता सहकारी या प्राइवेट शुगर मिल चला रहे हैं। उनका सहकारी बैंकों में भी नियंत्रण है। दोनों ही क्षेत्रों में उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। अब मंत्रालय एनसीपी को ही मिलने से समाधान भी तेजी से होगा।