मध्य और पश्चिमी भारत में बीते कुछ दिनों के दौरान तेज हवाओं, ओलों के साथ बारिश होने से किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। इस क्षेत्र के किसान गर्मी जल्दी ही शुरू हो जाने के कारण पहले ही समस्याओं से जूझ रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश के कुछ जिलों और गुजरात के सौराष्ट्र व कच्छ क्षेत्र में खड़ी फसल को ओले से नुकसान पहुंचा है। सरकारी अधिकारियों के समुचित सर्वेक्षण के बाद ही नुकसान का सटीक आकलन हो पाएगा। यदि आने वाले दिनों में बारिश और तेज हवाएं जारी रहीं तो खेत में खड़ी फसल को अधिक नुकसान पहुंच सकता है।
किसानों ने कहा कि गुजरात में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण जीरा, अरंडी और धनिये की फसल को नुकसान पहुंचा है। हालांकि मध्य प्रदेश के मंदसौर, नीमच, राजगढ़ और सीहोर में खड़ी फसल को नुकसान पहुंचा है। इन क्षेत्रों में अगले 8-10 दिनों में फसल काटी जानी है। मध्य प्रदेश के किसानों के समूह किसान स्वराज संगठन के संस्थापक भगवान मीणा ने कहा, ‘इस समय बारिश और तेज हवाओं के कारण गेहूं की फसल को नुकसान पहुंच सकता है और इसके रंग पर भी असर पड़ेगा।’
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीती रात ट्वीट किया कि किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। राज्य सरकार नुकसान का समुचित आकलन करवाने के लिए तैयार है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि बेमौसमी बारिश के कारण राज्य के पांच जिलों में खड़ी फसल को नुकसान पहुंचा है। शिंदे ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि किसानों को हुए नुकसान का आकलन या पंचनामा करें। महाराष्ट्र के प्रभावित जिलों में ठाणे, पालघर सहित वाशिम, नाशिक और औरंगाबाद के कई हिस्से हैं।
समीपवर्ती गुजरात के किसानों के मुताबिक बेमौसम की बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाओं के कारण उत्तरी गुजरात सहित सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों में जीरा, अरंडी और धनिये की फसल प्रभावित हुई है। कच्छ क्षेत्र के जितेंद्र अहीर ने कहा, ‘जीरा, अजवाइन और सरसों की खड़ी फसल प्रभावित हुई है।’ मौसम विशेषज्ञों के अनुमान के मुताबिक अगले कुछ दिनों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि का क्षेत्र और तीव्रता घट सकती है।
भारत के मौसम विभाग ने मंगलवार को जारी मौसम की रिपोर्ट में कहा कि मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में अगले 24 घंटे में तेज हवाएं और ओलावृष्टि होने का अनुमान है। उत्तरी ओडिशा, पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानों और झारखंड में 9-10 मार्च को तेज हवाएं और ओलावृष्टि होने का अनुमान है। मौसम में बदलाव के कारण अगले दो दिनों के दौरान मध्य भारत और महाराष्ट्र में अधिकतम तापमान में 2-4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आ सकती है। लिहाजा इसके बाद अगले तीन दिनों में तापमान में 2-4 डिग्री की बढ़ोतरी हो सकती है।