मध्यप्रदेश सरकार ने बुधवार को विधानसभा को बताया कि सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (OPS) बहाल करने का कोई प्रस्ताव वर्तमान में राज्य सरकार के पास विचाराधीन नहीं है। सरकार ने कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा द्वारा प्रश्नकाल के दौरान पूछे गए प्रश्न के उत्तर में उक्त बात कही। हालांकि, इस मामले पर सरकार के जवाब से असंतुष्ट होकर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सदन से वॉक आउट किया।
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा, ‘‘पुरानी पेंशन योजना फिर से बहाल करने के संबंध में कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।’’ मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश शासन ने एक जनवरी, 2005 या उसके बाद नियुक्त हुए सभी शासकीय सेवकों हेतु नई पेंशन योजना लागू की है। इस पर वर्मा ने कहा कि प्रदेश के लाखों कर्मचारी हड़ताल पर बैठे हैं।
सरकार के मंत्री वहां जाते हैं और कर्मचारियों की मांगपत्र लाकर उसे कचरे के डिब्बे में डाल देते हैं। उन्होंने सवाल किया था कि क्या भविष्य में पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने का कोई विचार है? इस पर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि जवाब आ गया है।
इस पर नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा, ‘‘प्रदेश के सात लाख कर्मचारियों की मांग पुरानी पेंशन लागू करने की है। वर्तमान सरकार कर्मचारियों को नुकसान पहुंचाने वाली है और उनका संरक्षण नहीं करती है।’’
उन्होंने कहा, इसलिए कांग्रेस पार्टी विरोध स्वरूप सदन से वॉक आउट करती है। इसके बाद कांग्रेस सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया। गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर में कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई के प्रमुख कमलनाथ ने कहा था कि 2023 के अंत में प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत मिलने पर वह पुरानी पेंशन योजना वापस लाएगी।
‘नेशनल मूवमेंट ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम’ की मध्यप्रदेश इकाई के बैनर तले प्रभावित कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। उनका कहना है कि नई पेंशन योजना के तहत मिलने वाली राशि सेवानिवृत्त के बाद सामान्य जीवन शैली बनाए रखने के लिए अपर्याप्त है।
बता दें कि पंजाब की आप सरकार सहित देश के कुछ राज्यों ने अपने कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना की जगह पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा की है।