Lok Sabha Election 2024: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के राज ठाकरे की मुलाकात से विपक्ष असहज महसूस कर रहा है तो मनसे चुनाव की तैयारी में जुट गई। विपक्ष को भाजपा और मनसे के गठजोड़ से मराठी मतदाता के खिसकने का डर सता रहा है इसीलिए विपक्षी दल भाजपा पर हमला करते हुए सवाल पूछ रहे हैं कि अगर वह मनसे प्रमुख के साथ गठबंधन करती है तो फिर उत्तर भारतीयों से वोट कैसे मांगेगी, लगता है कि भाजपा का आत्मविश्वास डगमगाया गया।
राज ठाकरे ने मंगलवार को अमित शाह से मुलाकात की थी, जिसके बाद यह संकेत मिले थे कि भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र में गठबंधन को मजबूत करने के मकसद से उन्हें साथ ला सकती है। मनसे के वरिष्ठ नेता बाला नंदगांवकर ने बाद में कहा था कि दोनों नेताओं के बीच लोकसभा चुनाव को लेकर हुई बातचीत सार्थक रही और एक-दो दिन में विवरण साझा किया जाएगा। भाजपा समेत विभिन्न राजनीतिक दल उत्तर भारतीयों के बारे में ठाकरे के विवादित बयानों को लेकर पहले ही उनकी तीखी आलोचना कर चुके हैं।
ठाकरे की शाह से मुलाकात के बाद सियासी पारा हाई है। मनसे और भाजपा के संभावित गठजोड़ पर महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा कि राज ठाकरे के साथ गठबंधन करने के बाद भाजपा उत्तर भारतीयों के वोट कैसे मांगेगी? भाजपा ने उत्तर भारतीयों से न केवल विश्वासघात किया बल्कि जख्मों पर नमक छिड़ककर उनके सम्मान को भी ठेस पहुंचाई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की राज्य इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने पूछा कि क्या बहुमत में होने के बावजूद भाजपा का आत्मविश्वास डगमगाया हुआ है। भाजपा को नए साझेदारों की जरूरत क्यों महसूस हुई।
शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी को लगा कि एक ठाकरे परिवार की पार्टी और ठाकरे सरनेम भी ले लेते हैं। कोशिश करते हैं कि जनता के बीच में जाएंगे। इससे भी कुछ फायदा होने वाला नहीं है। शुरू से ही मैं कहती आई हूं कि भारतीय जनता पार्टी महाराष्ट्र की जनता के सामने जीरो है। शिवसेना को तोड़ने का काम किया और गद्दार सेना बनाई, उनके पास वोट शून्य है। जो अजित पवार को तोड़कर एनसीपी ली वो शून्य है। राज ठाकरे शून्य हैं ही, शून्य, शून्य, शून्य और शून्य, शून्य ही रहेगा।
मनसे के उपाध्यक्ष वागीश सारस्वत ने कहा कि राज ठाकरे को दिल्ली में भाजपा नेतृत्व ने बैठक के लिए बुलाया था। सारस्वत ने कहा कि उन्होंने कल मुंबई में मनसे नेताओं और पदाधिकारियों की एक बैठक बुलाई है ताकि उनकी राय ली जा सके कि गठबंधन का प्रस्ताव स्वीकार किया जाना चाहिए या नहीं। उन्होंने कहा कि अगर हम अकेले चुनाव लड़ेंगे तो हमने मुंबई, ठाणे, पुणे और नासिक में 14 से 18 सीट पर चुनाव लड़ने की तैयारी की है। नहीं तो गठबंधन में हमें कितनी सीटें मिलेंगी, इसके आधार पर हम चुनाव लड़ेंगे।