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Liquor policy : महाराष्ट्र में अवैध शराब के कारोबार पर लगाम लगाएगा मुखबिरों का नेटवर्क

Last Updated- March 21, 2023 | 9:44 PM IST
Liquor stocks
Shutter Stock

महाराष्ट्र सरकार अवैध शराब के कारोबार पर लगाम लगाने के लिए मुखबिरों का नेटवर्क खड़ा करने की योजना तैयार कर रही है। सटीक जानकारी देने पर मुखबिरों को भुगतान भी किया जाएगा।

राज्य में तैयार की जा रही वाइन का अध्ययन करने का काम एजेंसियों को दिया गया है ताकि शराब के अवैध कारोबार पर रोक लगाई जा सके। शराब कारोबार से करीब एक हजार करोड़ रुपये का सालाना राजस्व प्राप्त होता है।

राज्य में अवैध शराब की बिक्री और उससे होने वाले राजस्व नुकसान का मुद्दा विधानसभा में विपक्ष की तरफ से उठाया गया जिसके जवाब में महाराष्ट्र के आबकारी मंत्री शंभुराज देसाई ने कहा कि हमने पुलिस की तर्ज पर मुखबिरों का नेटवर्क खड़ा करने की योजना बनाई है। ये मुखबिर जिलों में संचालित हो रहे अवैध शराब के कारोबार के बारे में सूचना देंगे। जो सूचना देगा उसे इनाम में धनराशि मिल सकती है।

राज्य में जांच नाकों की संख्या 12 से बढ़ाकर 25 करने के साथ 12 नए उड़नदस्तें बनाएं जाएंगे। इस तरह उड़नदस्तों की कुल संख्या 57 करने का फैसला किया गया है। आबकारी विभाग में 114 नए पदों को मंजूरी दी गई है। साथ ही 176 रिक्त पद भी भरे जा रहे हैं।

विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने प्रश्नकाल में प्रश्न पूछते हुए सुझाव दिया कि राज्य का आबकारी विभाग अवैध शराब व्यापार को रोकने के लिए मुखबिरों का नेटवर्क बना सकता है और जब वह इस विभाग के मंत्री थे तो इस आशय के प्रस्ताव पर चर्चा हुई थी। उन्होंने कहा कि इन मुखबिरों को जरूरत पड़ने पर लाखों रुपये का भुगतान किया जा सकता है, क्योंकि अवैध शराब के कारोबार से राज्य सरकार को करोड़ों रुपये के कर का नुकसान हो रहा है।

इस पर देसाई ने कहा कि मुखबिरों का नेटवर्क खड़ा करने के अलावा सरकार किसी क्षेत्र में अवैध शराब के कारोबार का मामला सामने आने पर जिला स्तर के अधिकारी को जवाबदेह बनाने के विकल्प पर भी विचार कर रही है।

देसाई ने बताया कि गडचिरोली जिले में वाइन बनाने के लिए 2-3 एजेंसियों से अध्ययन करने को कहा गया। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्यवाही पर विचार किया जाएगा।

राकांपा के अजित पवार, छगन भुजबल, धनंजय मुंडे आदि सदस्यों ने गोवा में बनी शराब चोरी छिपे महाराष्ट्र के रास्ते गुजरात भेजे जाने से जुड़ा सवाल पूछा था। जवाब में मंत्री देसाई ने बताया नई मुंबई में आबकारी विभाग ने ऐसी 76 लाख की शराब पकड़ी है।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र के नासिक, पुणे, सांगली, अहमदनगर, सोलापुर और बुलधाना में करीब चार दर्जन शराब तैयार करने के कारखाने हैं जो भारत के कुल शराब उत्पादन का 80 फीसदी उत्पादन करते हैं। राज्य के घरेलू राजस्व में लगभग दो तिहाई का योगदान शराब उद्योग का होता है। शराब उत्पादन से करीब एक हजार करोड़ रुपये का सालाना राजस्व प्राप्त होता है।

First Published - March 21, 2023 | 9:44 PM IST

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