facebookmetapixel
भारत की चीन को टक्कर देने की Rare Earth योजनानेपाल में हिंसा और तख्तापलट! यूपी-नेपाल बॉर्डर पर ट्रकों की लंबी लाइन, पर्यटक फंसे; योगी ने जारी किया अलर्टExpanding Cities: बढ़ रहा है शहरों का दायरा, 30 साल में टॉप-8 सिटी में निर्मित क्षेत्रफल बढ़कर हुआ दोगुनाबॉन्ड यील्ड में आई मजबूती, अब लोन के लिए बैंकों की ओर लौट सकती हैं कंपनियां : SBIअगस्त में Equity MF में निवेश 22% घटकर ₹33,430 करोड़ पर आया, SIP इनफ्लो भी घटाचुनाव से पहले बिहार को बड़ी सौगात: ₹7,616 करोड़ के हाईवे और रेलवे प्रोजेक्ट्स मंजूरBYD के सीनियर अधिकारी करेंगे भारत का दौरा, देश में पकड़ मजबूत करने पर नजर90% डिविडेंड + ₹644 करोड़ के नए ऑर्डर: Navratna PSU के शेयरों में तेजी, जानें रिकॉर्ड डेट और अन्य डिटेल्समद्रास HC ने EPFO सर्कुलर रद्द किया, लाखों कर्मचारियों की पेंशन बढ़ने का रास्ता साफFY26 में भारत की GDP 6.5 फीसदी से बढ़ाकर 6.9 फीसदी हो सकती है: Fitch

केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत, ‘आप’ में जश्न, चुनावी तैयारी को मिले पंख

उच्चतम न्यायालय ने आबकारी नीति में कथित भ्रष्टाचार मामले में लगाई कई शर्तें

Last Updated- September 13, 2024 | 11:02 PM IST
Kejriwal gets bail from Supreme Court, celebration in AAP, election preparations get wings केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत, 'आप' में जश्न, चुनावी तैयारी को मिले पंख

उच्चतम न्यायालय ने आबकारी नीति में कथित घोटाले के संबंध में शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी। अदालत ने इस मामले में सीबीआई द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी को गलत करार दिया। सर्वोच्च अदालत का आदेश आने के कुछ घंटों बाद ही उन्हें तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां के पीठ ने जमानत देते हुए केजरीवाल पर वही शर्तें लगाई हैं, जो 12 जुलाई को ईडी मामले में जमानत देते समय लगाई गई थीं।

अदालत ने उन्हें जमानत देते हुए कहा कि केजरीवाल अपने कार्यालय या दिल्ली सचिवालय नहीं जा सकते और जब किसी बहुत जरूरी मामले में ऐसा करना हो तो उन्हें उपराज्यपाल से मंजूरी लेनी होगी। वह किसी भी ऐसी फाइल पर हस्ताक्षर भी नहीं कर पाएंगे, जिसके लिए दिल्ली के उपराज्यपाल की मंजूरी जरूरी न हो। जमानत अवधि में वह उन्हें मौजूदा मामले में अपनी भूमिका पर टिप्पणी करने से भी अदालत ने रोक दिया है। इस दौरान वह किसी गवाह भी बात नहीं कर पाएंगे।

अदालत ने बीते 5 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। दोनों जजों ने अपना-अपना फैसला सुनाया। अदालत ने 10 लाख रुपये के मुचलके और दो जमानत राशियों पर जमानत देते हुए कहा कि चार्जशीट पेश की जा चुकी है और हाल फिलहाल मामले की सुनवाई पूरी होने की उम्मीद नहीं है। ऐसे में केजरीवाल को लगातार जेल में रखना संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन होगा।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 21 मार्च को आबकारी नीति मामले में केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए 10 मई को अंतरिम जमानत दी गई थी और 2 जून को आत्मसमर्पण करने के बाद से वह जेल में हैं। अपना अलग निर्णय लिखने वाले न्यायमूर्ति भुइयां ने जमानत देने को लेकर न्यायमूर्ति कांत से सहमति व्यक्त की। न्यायमूर्ति भुइयां ने सीबीआई द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी के समय पर सवाल उठाया और कहा कि एजेंसी का उद्देश्य ईडी मामले में उन्हें जमानत दिए जाने में बाधा डालना था।

न्यायमूर्ति भुइयां ने कहा कि वह ईडी मामले में रिहाई के समय केजरीवाल को गिरफ्तार करने को लेकर सीबीआई की जल्दबाजी को समझ नहीं पाए हैं, जबकि उसने 22 महीने तक ऐसा नहीं किया। उन्होंने कहा कि सीबीआई केजरीवाल के गोलमोल जवाबों का हवाला देते हुए उनकी गिरफ्तारी और लगातार हिरासत में रखे जाने को उचित नहीं ठहरा सकती। उन्होंने कहा कि सहयोग न करने का मतलब आत्म-दोषारोपण नहीं हो सकता।

न्यायमूर्ति भुइयां ने कहा, ‘सीबीआई के पिंजरे में बंद तोता होने की धारणा को दूर करना चाहिए, यह दिखाना चाहिए कि वह पिंजरे में बंद तोता नहीं है।’ न्यायमूर्ति भुइयां ने कहा कि जब केजरीवाल को ईडी मामले में इसी आधार पर जमानत मिल गई है तो उन्हें हिरासत में रखना न्याय की दृष्टि से ठीक नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि उन्हें ईडी मामले में केजरीवाल पर लगाई गई शर्तों पर गंभीर आपत्ति है, जिनके तहत उनके मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रवेश करने और फाइलों पर हस्ताक्षर करने पर रोक है। उन्होंने कहा, ‘मैं न्यायिक अनुशासन के कारण केजरीवाल पर लगाई गई शर्तों पर टिप्पणी नहीं कर रहा हूं।’

दूसरी ओर, अपने फैसले में न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा, ‘केजरीवाल की गिरफ्तारी सही यानी कानूनी तौर पर की गई थी और उससे किसी भी प्रक्रिया की अनदेखी नहीं हुई। इस दावे में कोई दम नहीं है कि केजरीवाल को गिरफ्तार करते समय सीबीआई ने दंड प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। ऐसे में हमारा मानना है कि अपीलकर्ता की गिरफ्तारी में कोई प्रक्रियागत खामी नहीं है। इसलिए इस संबंध में दी जा रही दलील खारिज किए जाने लायक है। उसी के अनुरूप आदेश जारी किया जाता है।’

केजरीवाल ने सीबीआई द्वारा दायर भ्रष्टाचार के मामले में जमानत से इनकार करने और अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की थीं। आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 26 जून को गिरफ्तार किया था। उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के 5 अगस्त के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने भ्रष्टाचार के मामले में उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखा था। 12 जुलाई को शीर्ष अदालत ने धनशोधन मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी थी।

चुनाव सिर पर, आप के हौसले बुलंद

हरियाणा में अगले महीने और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अगले साल होने वाले विधान सभा चुनावों के मद्देनजर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने से आम आदमी पार्टी (आप) का हौसला बढ़ गया है। उनके रिहा होते ही आप कार्यालय में जश्न का माहौल दिखाई दिया। जेल के बाहर भी कार्यकर्ताओं ने पटाखे छोड़कर खुशियां मनाईं और मिठाइयां बांटी। हरियाणा में आप अकेले चुनाव लड़ रही है।

मुख्यमंत्री आवास के बाहर केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ मिठाई बांटी। सुनीता केजरीवाल से संवाददाताओं से कहा, ‘भाजपा का यह षड्यंत्र भी नाकाम हो गया। वे सत्ता में बने रहने के लिए विपक्षी नेताओं को जेल में डालना चाहते थे।’

(साथ में एजेंसियां)

First Published - September 13, 2024 | 11:02 PM IST

संबंधित पोस्ट