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भारत की चीन से आयात पर निर्भरता बढ़ी, निर्यात गिरा; व्यापार संतुलन पर मंडरा रहा खतरा?

भारत के व्यापार में यह स्पष्ट रूप से उजागर हुआ कि चीन से आयात बढ़ रहा है और यह 2017 से 2023 के दौरान औसतन प्रति वर्ष 6 प्रतिशत मूल्य से बढ़ा।

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सुरजीत दास गुप्ता   
Last Updated- February 24, 2025 | 7:23 AM IST

भारत की अपस्ट्रीमिंग आयात के लिए चीन पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। अपस्ट्रीमिंग आयात के तहत भारत इन वस्तुओं को चीन से मंगाने के बाद विदेश के बाजार जैसे अमेरिका और यूरोप को वस्तुओं का निर्यात करता है। यह जानकारी मैकेंजी ऐंड कंपनी ने वैश्विक व्यापार के बदलते रुझान के शोध में दी है।

दूसरी तरफ, भारत का चीन को निर्यात गिर रहा है। यह विश्व की दो सबसे बड़ी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में उभरते असमान व्यापार संबंधों को उजागर करता है। भारत के व्यापार में यह स्पष्ट रूप से उजागर हुआ कि चीन से आयात बढ़ रहा है और यह 2017 से 2023 के दौरान औसतन प्रति वर्ष 6 प्रतिशत मूल्य से बढ़ा। इस वृद्धि को बढ़ावा देने वाला कारक रसायन (फार्मास्यूटिकल्स) और मशीनरी हैं, इनका आयात सालाना औसतन 10 प्रतिशत की दर से बढ़ा।

इस अवधि में माइक्रोप्रोसेसर, मेमोरी चिप्स और सेमीकंडक्टर बनाने वाले उपकरणों का निर्माण दस गुना बढ़ा। वर्ष 2017 की कुल वृद्धि 5 अरब डॉलर में इनका संयुक्त वृद्धि मूल्य 50 करोड़ डॉलर से भी कम था। हालांकि इसमें 2024 में निरंतर इजाफा जारी है।

विशेषज्ञों के मुताबिक इसमें प्रमुख कारक गलवान की सीमा पर झड़प होन के बाद भारत सरकार का चीन से विदेशी प्रत्यक्ष निवेश पर प्रतिबंध लगाना है। इससे विशेष तौर पर इलेक्ट्रानिक्स में विशेष तौर पर भारत में विनिर्माण इकाइयां लगाने की चीन की क्षमता सीमित हुई। हालांकि अब इस नीति की समीक्षा जारी है।

हालांकि भारत का अमेरिका और यूरोप के 30 देशों से व्यापार स्थिर रहने के साथ निरंतर बढ़ रहा है। इस क्रम में यूरोपियन यूनियन के 27 सदस्यों, स्विट्जरलैंड, नॉर्वे और यूके से व्यापार निर्यात बढ़ने के कारण आगे बढ़ रहा है। इस अवधि में इन देशों से व्यापार 8 प्रतिशत और निर्यात 9 प्रतिशत की सालाना दर से बढ़ा है।

यूरोप के 30 देशों और अमेरिका को इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में निर्यात 2017 में 40 प्रतिशत से कम बढ़ा था जबकि यह 2024 में करीब 65 प्रतिशत बढ़ा। उदाहरण के तौर पर भारत अमेरिका को मोबाइल फोन के हारमोनाइज्ड सिस्टम का सबसे बड़ा निर्यातक है और इसमें मुख्य तौर पर एप्पल के आईफोन का दबदबा है।

हालांकि 2017 से 2023 की अवधि के दौरान निर्यात के मंच पर भारत का डॉलर के मूल्य में निर्यात औसतन सालाना 2 प्रतिशत की दर से गिरा। इसका शुद्ध प्रभाव चीन से बढ़ता आयात और भारत से गिरता निर्यात है। इससे इस अवधि के दौरान भारत का कुल व्यापार सालाना 0.2 प्रतिशत कम हो गया है।

रोचक तथ्य यह है कि चीन का आयात आसियान देशों को बढ़ रहा है जबकि इस क्षेत्र से अमेरिका को निर्यात बढ़ रहा है। यह इसलिए महत्त्वूपर्ण है क्योंकि इस क्षेत्र के कई देश वैश्विक व्यापार में भारत के प्रतिस्पर्धी हैं। वर्ष 20217 से 2023 के दौरान आसियान देशों से अमेरिका को इलेक्ट्रॉनिक निर्यात सालाना 18 प्रतिशत की दर से बढ़ा था जबकि यह 2014 में सपाट रहा।

First Published : February 24, 2025 | 7:16 AM IST