मशहूर किताब ‘रिच डैड पुअर डैड’ के लेखक और फाइनेंशियल एडवाइजर रॉबर्ट कियोसाकी | फाइल फोटो
मशहूर किताब ‘रिच डैड पुअर डैड’ के लेखक और फाइनेंशियल एडवाइजर रॉबर्ट कियोसाकी ने एक बार फिर बिटकॉइन और सोने-चांदी जैसे असली निवेश की तारीफ की है। उन्होंने पारंपरिक 60/40 निवेश रणनीति को पूरी तरह नकार दिया। यह रणनीति कहती है कि 60% पैसा शेयरों में और 40% बॉन्ड में लगाना चाहिए। कियोसाकी का कहना है कि यह तरीका अब पुराना हो चुका है। उनकी किताब ने दुनिया भर में लाखों लोगों को पैसों के बारे में नया सोचने की प्रेरणा दी है।
9 अक्टूबर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कियोसाकी ने लिखा, “60/40 रणनीति 1971 में खत्म हो गई थी।” उनका कहना है कि उस साल अमेरिका ने डॉलर को गोल्ड स्टैंडर्ड से हटा दिया था। इसके बाद से अमेरिकी डॉलर की साख कमजोर हो गई। उन्होंने साफ कहा कि अब अमेरिकी सरकार और उसकी करेंसी पर भरोसा करना मुश्किल है।
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कियोसाकी का मानना है कि बिटकॉइन, सोना और चांदी ही असली निवेश हैं। वे इन्हें ‘लोगों का पैसा’ कहते हैं। उनका कहना है कि ये संपत्तियां कर्ज और सरकारी हेरफेर से भरे इस दौर में सुरक्षित हैं। उन्होंने अमेरिकी सरकार को दुनिया का सबसे बड़ा कर्जदार देश बताया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “कौन इतना मूर्ख होगा कि कर्ज में डूबे देश के बॉन्ड खरीदे?” कियोसाकी ने हमेशा पारंपरिक वित्तीय व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
उन्होंने बताया कि अब मॉर्गन स्टेनली जैसी बड़ी कंपनियां भी 60/40 की जगह 60/20/20 रणनीति को बढ़ावा दे रही हैं। उनका कहना है कि यह रणनीति भविष्य में ज्यादा स्थिरता देगी। कियोसाकी ने अपनी जिंदगी का सबक भी साझा किया। वे कहते हैं, “मैं 30 साल पहले ही आर्थिक रूप से आजाद हो चुका था। मुझे कभी 60/40 जैसे जादुई फॉर्मूले की जरूरत नहीं पड़ी।” वे सलाह देते हैं कि हर किसी को अपने लिए सही निवेश का तरीका ढूंढना चाहिए।
कियोसाकी लंबे समय से बिटकॉइन को बढ़ावा देते आए हैं। वे इसे अमेरिकी डॉलर और वैश्विक करेंसी सिस्टम के कमजोर होने के खिलाफ सुरक्षा मानते हैं। उनकी सलाह है कि लोग बिटकॉइन, सोना और चांदी जैसे निवेशों पर ध्यान दें। यह उनके पुराने बयानों से भी मेल खाता है।