भारतीय एयरलाइंस का शुद्ध घाटा चालू वित्त वर्ष में कम होकर 3,000 से 4,000 करोड़ रुपये तक रहने का अनुमान है, जबकि अगले वित्त वर्ष में भी ऐसे रुझान बने रह सकते हैं। एक रिपोर्ट में सोमवार को यह जानकारी देते हुए कहा गया कि यात्रियों की संख्या में अच्छी बढ़ोतरी और किराया निर्धारण के नियमों से विमानन कंपनियों को मदद मिली।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इक्रा ने फरवरी की अपनी रिपोर्ट में कहा कि घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या लगभग 12.75 करोड़ होने का अनुमान है। रिपोर्ट में हालांकि यह भी कहा गया कि विमानन क्षेत्र आपूर्ति श्रृंखला से जुड़ी चुनौतियों और प्रैट एंड व्हिटनी (पीएंडडब्ल्यू) कंपनी के इंजन से संबंधित समस्याओं से भी जूझ रहा है।
पीएंडडब्ल्यू के इंजन में खराबी के चलते इंडिगो ने 70 से ज्यादा विमान खड़े कर दिए। रिपोर्ट में कहा गया, ”ऐसा अनुमान है कि भारतीय एयरलाइनों के परिचालन में शामिल कुल बेड़े का 24-26 प्रतिशत हिस्सा 31 मार्च, 2024 तक उड़ान भरना बंद कर देगा।
पीएंडडब्ल्यू के वैश्विक स्तर पर इंजनों की बड़ी संख्या में वापसी की जा रही है। पीएंडडब्ल्यू को इनके परीक्षण में 250-300 दिन लग सकते हैं।” इक्रा ने कहा कि ऐसे में उद्योग की आमदनी में धीरे-धीरे सुधार होने की उम्मीद है।