सौंदर्य के प्रति बढ़ते रुझान के कारण भारत एशिया का दूसरा और दुनिया का चौथा बड़ा सौंदर्य बाजार बन चुका है। भारत में तेजी से बढ़ रहे सौंदर्य बाजार पर वैश्विक ब्रांडों के साथ घरेलू उत्पादों की मांग भी तेजी से बढ़ी है। लोगों की बढ़ती आय और सौंदर्य के प्रति भारतीय की बढ़ती ललक के कारण अगले दो सालों में भारत का सौंदर्य बाजार 30 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
सौंदर्य उत्पादों की बढ़ती मांग और मोटा मुनाफा होने के कारण भारतीय बाजार में विदेशी कंपनियों की दिलचस्पी साल दर साल बढ़ती जा रही है। हाल ही में, मुंबई में आयोजित सौंदर्य उत्पादों की सबसे बड़ी प्रदर्शनी कॉस्मोप्रोक इंडिया में देसी-विदेशी करीब 700 से अधिक कंपनियां शामिल हुई। जिसमें इस उद्योग से जुड़े लगभग 9,000 आगंतुकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी। इस साल कोरिया, जर्मनी, जापान, अमेरिका, इटली सहित 22 देशों के पवेलियन (मंडप) में उनके उत्पाद आगंतुकों के आकर्षण केन्द्र रहे।
इंडिया मार्केट्स के प्रबंध निदेशक योगेश मुद्रास ने बताया कि कॉस्मोप्रोक इंडिया में इस बार शामिल होने वाली कंपनियों और उनके उत्पादों की संख्या पिछले साल की अपेक्षा तीन गुना अधिक है। उपभोक्ता जागरूकता में वृद्धि और व्यक्तिगत और स्थायी उत्पादों की ओर रुख के कारण भारत का सौंदर्य बाजार तेजी से बढ़ रहा है।
कॉस्मोप्रोफ इंडिया वैश्विक ब्रांडों के लिए इस बढ़ते बाजार में टैप करने और प्रमुख उद्योग खिलाड़ियों के साथ जुड़ने का एक मंच है। उन्होंने दावा किया कि भारत का सौंदर्य बाजार 2028 तक 34 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। भारतीय बाजार में प्रीमियम सौंदर्य उत्पादों की बढ़ती मांग ने भारत को सौंदर्य नवाचारों के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित कर रहा है।
बोलोग्नाफिएरे के सीईओ एंटोनियो ब्रुज़ोन भारतीय सौंदर्य बाजार की वृद्धि पर कहते हैं कि यह एशिया में दूसरा सबसे तेजी से बढ़ता बाजार है और 2025 तक 30 अरब डॉलर से अधिक होने की उम्मीद है। भारत की सबसे बड़ी लक्जरी सैलून चेन लुक्स सैलून के सीईओ समीर श्रीवास्तव ने कहा कि महामारी के बाद उत्पादों की ऑनलाइन मांग ने ग्रामीण क्षेत्रों में उत्पाद खपत को बढ़ावा दिया है, जबकि सेवा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित हो रहा है। भारत का स्थिर आर्थिक वातावरण और सहायक सरकारी नीतियां उद्योग के संपन्न राज्य में और योगदान करती हैं।
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मैकफिन और हायफ़न के सीईओ एवं सह संस्थापक तारुण शर्मा ने कहा कि भारत का सौंदर्य और व्यक्तिगत देखभाल बाजार, जिसका वर्तमान मूल्य 28 अरब डॉलर है। भारत में यह बाजार अभी और तेजी से बढ़ेगा क्योंकि विकसित देशों के मुकाबले भारत में अभी खर्च काफी कम है। भारत सौंदर्य और व्यक्तिगत देखभाल पर प्रति व्यक्ति खर्च के मामले में वैश्विक स्तर पर 60वें स्थान पर है, यहां प्रति व्यक्ति औसत वार्षिक खर्च करीब 18 डॉलर है जो हांगकांग में 550 और अमेरिका में 350-370 डॉलर से काफी कम है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2023 में ग्लोबल ब्यूटी और पर्सनल केयर उत्पादों के बाजार को 557.24 अरब अमेरिकी डॉलर तक जाने का अनुमान लगाया गया था। इसके अलावा 2024 से 2030 तक ब्यूटी उत्पादों के बिजनेस के 7.7 फीसदी की कंपाउंड एनुएल ग्रोथ रेट (CAGR) से बढ़ने की उम्मीद है। लिहाजा भारत में ब्यूटी और मेकअप इंडस्ट्री के प्लेयर्स के लिए शानदार मौका है।