भारत 6जी प्रौद्योगिकी के पेटेंट की होड़ में तेजी से आगे बढ़ रहा है। अलग-अलग अध्ययनों के आधार पर भारत इस मामले में दुनिया में चौथे से छठे स्थान पर है। दिल्ली एशिया में 15 अक्टूबर से पहली बार में विश्व दूरसंचार मानकीकरण असेंबली (डब्ल्यूटीएसए) की मेजबानी कर रहा है और यह 6जी के लिए मानक निर्धारण में इसके प्रभाव और भूमिका को निर्धारित कर सकती है।
यह सम्मेलन 190 देशों के प्रतिनिधियों को 6जी, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई), बिग डेटा जैसी महत्त्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के लिए भविष्य के मानक पर चर्चा करने का मंच प्रदान करेगा। सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। भारत का लक्ष्य आईपी का प्रमुख प्रदाता बनना और किफायती 6जी समाधान उपलब्ध कराना है।
वैश्विक आईपी प्रबंधन सेवाओं के लिए पेटेंट तथा ट्रेडमार्क लाइफसाइकल- मैक्सवेल के आंकड़ों के अनुसार भारत 188 6जी पेटेंट के साथ दुनिया में छठे स्थान पर है। चीन 6,001 पेटेंट के साथ सबसे आगे है जबकि दूसरे स्थान पर 3,909 पेटेंट के साथ अमेरिका का कब्जा है। इसके बाद दक्षिण कोरिया (1,417), जापान (584) और यूरोपीय संघ (214) का स्थान आता है। ब्रिटेन (151), जर्मनी (84), स्वीडन (74) और फ्रांस (73) 6जी पेटेंट के मामले में भारत से पीछे हैं।
ब्रिटेन के यू स्विच के अध्ययन के अनुसार पिछले साल अप्रैल में भारत 265 पेटेंट के साथ चौथे नंबर पर था। इससे ऊपर चीन (4,604), अमेरिका (2,229) और दक्षिण कोरिया (760) थे।
आंकड़ों से स्पष्ट है कि भारत की स्थिति तेजी से बदली है। अगस्त 2021 में जापान के निक्केई और साइबर क्रिएटिव इंस्टीट्यूट द्वारा किए गए एक अध्ययन में बताया गया कि 6जी पेटेंट में चीन की हिस्सेदारी सबसे अधिक 40.3 फीसदी थी। वहीं 35.5 फीसदी के साथ अमेरिका दूसरे स्थान पर था। उसके बाद जापान (9.9 फीसदी), यूरोप (8.9 फीसदी) और दक्षिण कोरिया (4.2 फीसदी) का स्थान था जबकि कुल 6जी पेटेंट में भारत की हिस्सेदारी महज 1.5 फीसदी बताई गई थी।
कुछ प्रमुख क्षेत्र हैं जहां भारत ने 6जी पेटेंट हासिल किया है। क्वेस्टेल के अनुसार देश के कुल पेटेंट में ज्यादातर ब्लॉकचेन और डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर तकनीक क्षेत्र में है। इसके बाद 6जी संचार, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, एनर्जी हार्वेस्टिंग और क्वांटम कम्युनिकेशन शामिल हैं।
भारत सरकार ने अपनी 6जी महत्त्वाकांक्षा को स्पष्ट तौर पर जाहिर किया है। सरकार चाहती है कि तीन साल के अंदर 6जी में सभी पेटेंट में भारत की हिस्सेदारी 10 फीसदी वैश्विक मानकों में छठा स्थान हासिल हो। अपने लक्ष्य को पाने के लिए सरकार ने भारत 6जी अलायंस का गठन किया है जिसमें सभी हितधारक शामिल हैं। इसके साथ ही भारत 6जी विजन पेश किया गया है और प्रौद्योगिकी परीक्षण के लिए टेस्टिंग बेड शुरू कर दिए गए हैं।
पेटेंट के अलावा भारत 6जी के मानक तय करने में भी योगदान दे रहा है। भारत मानकीकरण के अंतरराष्ट्रीय संगठन में तकनीकी समितियों और उप समितियों का भागीदार सदस्य है। जिनेवा इंटरनेट प्लेटफॉर्म के अध्ययन के अनुसार नवंबर 2021 तक चीन 732 समिति का सदस्य है जबकि ब्रिटेन 714 और जर्मनी 703 समिति में शामिल था। भारत 400 समितियों में भागीदार सदस्य के तौर पर शामिल है।