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चीनी टेक्नीशियनों के व्यापार वीजा में तेजी, विनिर्माण परियोजनाओं के लिए नई व्यवस्था लागू

चीन सहित सीमावर्ती देशों के व्यापार वीजा आवेदनों को जल्द मिलेगी मंजूरी, नई व्यवस्था 1 अगस्त से लागू कर दी गई है।

Last Updated- August 07, 2024 | 11:04 PM IST
चीनी टेक्नीशियनों के व्यापार वीजा में तेजी, विनिर्माण परियोजनाओं के लिए नई व्यवस्था लागू Business visa for Chinese technicians increased, new system implemented for manufacturing projects

सरकार ने भारत में विनिर्माण परियोजनाओं से जुड़े चीन के टेक्नी​शियनों का व्यापार वीजा तय समय में मंजूर करने के लिए एक व्यवस्था शुरू की है। चीन और दूसरे सीमावर्ती देशों के टेक्नी​शियनों के लिए व्यापार वीजा की सरल व्यवस्था 1 अगस्त से लागू कर दी गई है।

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार किसी कंपनी से मिला ई-वीजा का आवेदन मंजूरी के लिए विदेश मंत्रालय और सुरक्षा एजेंसियों सहित संबंधित सरकारी विभागों को भेजा जाएगा। उन्होंने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘गृह मंत्रालय के पास जवाब (मंजूर या खारिज होने का) 28 दिनों के भीतर आ जाना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि यह वीजा छह महीने के लिए वैध होगा।

सरकार के इस कदम से उन कंपनियों को राहत मिलेगी, जिन्होंने 14 अहम क्षेत्रों में निवेश किया है। सरकार ने इस क्षेत्रों में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाएं शुरू की हैं। पीएलआई योजना के दायरे में आने वाले इन 14 क्षेत्रों में मोबाइल फोन, ड्रोन, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, दूरसंचार, कपड़ा, वाहन, फार्मास्युटिकल्स आदि शामिल हैं।

इससे पहले गृह मंत्रालय ने पीएलआई योजनाओं के तहत भारतीय व्यापार वीजा के लिए आवेदन की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए मानक प्रक्रिया जारी की थीं। मगर नए नियमों से उन कंपनियों को भी समान अवसर मिलेगा, जिनकी भारत में विनिर्माण इकाइयां तो हैं लेकिन जो पीएलआई योजना के तहत सरकारी सब्सिडी नहीं मांग रही हैं।

अ​धिकारी ने कहा, ‘उन कंपनियों के लिए नियम अलग नहीं होने चाहिए, जो भारत में निवेश कर रही हैं और यहां अपने कारखाने लगा चुकी हैं, लेकिन पीएलआई योजना के तहत सब्सिडी नहीं मांग रही हैं। अगर उनका कोई व्यापार वीजा आवेदन है तो उसे मंजूरी के लिए ज्यादा इंतजार नहीं कराया जाना चाहिए।’

वीजा कठिनाइयों के कारण कलपुर्जा विनिर्माता जैसी कंपनियों को उत्पादकता की दिक्कतों से जूझना पड़ता है। वीजा आवेदन अटकने से कोई अहम मशीन लगाने या उनकी मरम्मत जैसे जरूरी कामों पर असर पड़ता है, जिससे उत्पादकता कम होती है।

अधिकारी ने कहा, ‘नए दिशानिर्देश लागू होने के साथ ही पूरी प्रक्रिया में एक महीने या 45 दिनों से अ​धिक समय नहीं लगना चाहिए।’ इस प्रक्रिया के तहत अब तक दस्तावेज और फाइलें हाथ से भरकर आगे बढ़ाई जाती थीं। इस कारण अ​धिक समय लगता था और वीजा की मंजूरी में महीनों लग जाते थे। मगर अब समूची प्रक्रिया ऑटोमैटिक हो गई है। इससे आवेदनों पर नजर रखना आसान हो जाएगा और समयबद्ध तरीके से मंजूरी देने में मदद मिलेगी।

जून 2020 में गलवान घाटी में झड़प के बाद भारत और चीन के बीच संबंधों में तनाव आने के बाद यह सब शुरू हुआ। तभी से चीन के नागरिकों का वीजा देर से मंजूर होता है। इस देर के कारण प्रभावित होने वाले प्रमुख क्षेत्रों में सौर पीवी मॉड्यूल, विशेष इस्पात, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं। भारत और चीन के बीच सीमा विवाद बरकरार है।

First Published - August 7, 2024 | 10:20 PM IST

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