Holi trade: इस साल होली पर पिचकारी, रंग-गुलाल, मुखौटा, कलर स्प्रे, बैलून आदि की बिक्री खूब हो रही है। कारोबारियों के मुताबिक इस साल इनका कारोबार पिछले साल से ज्यादा होने की संभावना है। होली पर खासकर छोटे बच्चों के लिए पिचकारी चलाना आसान हो गया है क्योंकि बाजार में इलेक्ट्रिक पिचकारी आ गई है। पिचकारी पर चुनावी रंग भी चढ़ गया है। बाजार में मोदी-योगी की पिचकारी की धूम मची है।
दिल्ली का सदर बाजार पिचकारी, रंग, गुलाल, बैलून आदि होली पर बिकने वाले सामानों का देश का प्रमुख बाजार है। अनिल भाई राखी वाला के मयूर गुप्ता कहते हैं कि इस साल होली पर ज्यादातर छोटे बच्चों की परीक्षा खत्म हो चुकी होगी। ऐसे में बच्चे जमकर होली खेलेंगे। जिससे इस साल पिचकारी की बिक्री ज्यादा होगी। पिचकारी की थोक खरीद पिछले साल से 10 फीसदी ज्यादा रही। इस साल दाम लगभग पिछले साल के बराबर हैं। इससे भी बिक्री बढ़ने को बल मिला है।
बाजार में इस साल इलेक्ट्रिक पिचकारी भी आई है, जो बैटरी से चलती है। चार्जेबल पिचकारी भी बाजार में मौजूद है। इनकी कीमत 500 रुपये से लेकर 15,00 रुपये तक है। इस पिचकारी को छोटे बच्चों के लिए चलाना आसान होता है क्योंकि इसमें प्रेशर मारने की जरूरत नहीं पड़ती है और ट्रिगर दबा कर आसानी से चलाया जा सकता है। पिचकारी के थोक कारोबारी सतीश खुराना कहते हैं कि इस साल पिचकारी, गुलाल, बैलून, कलर स्प्रे आदि होली उत्पादों की थोक बिक्री अच्छी रही। इनकी खुदरा बिक्री भी पिछले साल से ज्यादा होने का अनुमान है।
पिचकारी के कारोबार पर चुनावी रंग भी चढ़ गया है। पिचकारी के खुदरा कारोबारी फहीम कहते हैं कि बाजार में मोदी के नाम की पिचकारी खूब बिक रही हैं। इन पिचकारी पर मोदी के फोटो के साथ डबल इंजन सरकार, भाजपा लिखा हुआ है। बाजार में फाइटर मोदी-योगी के नाम से भी पिचकारी आई है। इन पिचकारियों की कीमत 200 से लेकर 300 रुपये है।
मोदी छाप पिचकारी खरीद रहे मिथुन कुमार कहते हैं, “मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थक हूं। इसलिए मैंने मोदी छाप पिचकारी खरीदी”। पहले होली पर अक्सर दिल्ली में नरेंद्र मोदी के साथ ही अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी के नाम के भी सामान मिलते रहे हैं। लेकिन इस बार ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है। बाजार में बीन, हथौडा, बंदूक, छोटा भीम आदि छाप पिचकारी भी मिल रही हैं।
Also read: होली के दौरान सस्ते हुए तेल-तिलहन, बढ़ेगा ‘सॉफ्ट आयल’ का आयात
कारोबारी संगठन कन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स ने इस साल होली पर 50 हजार करोड़ रुपये का कारोबार होने का अनुमान लगाया है। इस कारोबार में पिचकारी, रंग ,गुलाल के साथ मिठाई, मेवा, किराना, फल फूल, गिफ्ट,कपड़े आदि शामिल हैं। इसके साथ ही होटल, रेस्टोरेंट, फार्महाउस, सार्वजनिक पार्क आदि में होने वाले होली मिलन समारोह का खर्च भी शामिल है।
बाजार में चीनी पिचकारी का दबदबा अब कम हो रहा है। कारोबारियों का कहना है कि 5 साल पहले 70 से 80 फीसदी पिचकारी चीन से आती थी। अब 20 फीसदी ही आ रही हैं। बाकी पिचकारी देश में बन रही हैं। कारोबारी अनुमान के मुताबिक दिल्ली में इस साल 130 से 150 करोड़ रुपये मूल्य के रंग-गुलाल, पिचकारी, कलर स्प्रे, बैलून, मुखौटा आदि होली सामान बिकने का अनुमान है। दिल्ली से उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान जैसे पड़ोसी राज्यों के साथ अन्य राज्यों को भी ये सामान जाते हैं।