शीर्ष वैज्ञानिकों ने सरसों के बोआई सत्र 2025 के मद्देनजर आनुवांशिक रूप से संवर्द्धित जीएम सरसों से प्रतिबंध हटाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इस क्रम में प्रतिबंध हटाने के लिए समन्वित कार्रवाई करने पर जोर दिया गया है। उन्होंने देश के सर्वश्रेष्ठ हित में जीएम फसलों के लिए न्यायालय में उचित ढंग से दस्तावेज पेश करने का अनुरोध भी किया है।
यह पत्र आईसीएआर के पूर्व महानिदेशक डॉ. आरएस परोदा, कृषि शोध व शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. जी पद्मनाभन आदि ने लिखा है। पत्र में कहा गया कि वैश्विक रूप से वर्ष 2024 में जीएम फसलों को करीब 21 करोड़ हेक्टेयर में अपनाया गया था। हाल में जीएम फसलों को चीन, केन्या और नाइजीरिया में भी अनुमति मिल गई है और इससे जीएम फसलों के क्षेत्रफल में इजाफा होगा।
पत्र में कहा गया कि पर्यावरण मंत्रालय ने अक्टूबर, 2022 में जीएम फसलों हाई ब्रिड बीजों के उत्पादन के लिए पर्यावरण संबंधित मंजूरी दे दी थी, आईसीएआर के नेतृत्व में पहले हाईब्रिड डीएमएच-11 को जारी करने से पूर्व प्रयोग भी हुए थे। इसी दौरान यह कानूनी प्रक्रिया में फंस गया और इससे प्रक्रिया में देरी हो गई।