प्रधानमंत्री रहते हुए मनमोहन सिंह को BMW के बजाय अपनी मारुति-800 कार पसंद थी क्योंकि वह इस कार के जरिए मध्यम वर्ग से जुड़ाव महसूस करते थे। ये बातें उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने मनमोहन सिंह के साथ अपनी पुरानी यादें ताजा करते हुए एक पोस्ट में कहीं। दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में गुरुवार रात को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन होने के बाद असीम अरुण ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं 2004 से लगभग तीन साल तक उनका बॉडी गार्ड रहा।’’
मैं 2004 से लगभग तीन साल उनका बॉडी गार्ड रहा। एसपीजी में पीएम की सुरक्षा का सबसे अंदरुनी घेरा होता है – क्लोज़ प्रोटेक्शन टीम जिसका नेतृत्व करने का अवसर मुझे मिला था। एआईजी सीपीटी वो व्यक्ति है जो पीएम से कभी भी दूर नहीं रह सकता। यदि एक ही बॉडी गार्ड रह सकता है तो साथ यह बंदा… pic.twitter.com/468MO2Flxe
— Asim Arun (@asim_arun) December 26, 2024
उन्होंने आगे लिखा, “SPG में प्रधानमंत्री की सुरक्षा का सबसे अंदरूनी घेरा होता है- क्लोज प्रोटेक्शन टीम(CPT), जिसका नेतृत्व करने का अवसर मुझे मिला था। AIG CPT के रूप में, मेरी जिम्मेदारी हर समय प्रधानमंत्री के साथ उनकी छाया की तरह रहना था। अगर केवल एक अंगरक्षक उनके साथ रह सकता था, तो वह मैं ही था।’’
उन्होंने कहा कि डॉ. साहब की अपनी एक ही कार थी- मारुति 800, जो प्रधानमंत्री आवास में चमचमाती काली BMW के पीछे खड़ी रहती थी।
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असीम अरुण आगे लिखते हैं, ‘‘मनमोहन सिंह जी बार-बार मुझसे कहते ‘असीम मुझे इस कार में चलना पसंद नहीं, मेरी गड्डी तो यह (मारुति) है।’ मैं BMW की सुरक्षा संबंधी विशेषताओं के बारे में उन्हें समझाता। लेकिन जब काफिला मारुति के सामने से निकलता तो वे हमेशा मन भर उसे देखते। जैसे यह संकल्प दोहरा रहे हों कि वे मध्यम वर्ग के व्यक्ति हैं और आम आदमी की चिंता करना उनका काम है।”
वह आगे लिखते हैं कि डॉ. सिंह समझते थे कि करोड़ों की गाड़ी तो एक प्रधानमंत्री की है, लेकिन खुद उनकी तो यह मारुति-800 ही है।
गौरतलब है कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर 2024 की रात को नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में निधन हो गया। वह 92 साल के थे। डॉ. सिंह को भारत की अर्थव्यवस्था और राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान के लिए याद किया जाएगा। उनका भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण में महत्वपूर्ण योगदान रहा था।