अंतरराष्ट्रीय यात्री ट्रैफिक में लगातार वृद्धि और कनेक्टिंग उड़ानों में खासे सुधार की वजह से उम्मीद है कि दिल्ली एयरपोर्ट अगले दो साल में वैश्विक हब के कई मानदंडों को पूरा कर लेगा। दिल्ली इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) के मुख्य कार्य अधिकारी विदेह कुमार जयपुरियार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
एक वैश्विक परामर्श अध्ययन ने उन प्रमुख मानदंडों की पहचान की है, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय हब के रूप में पात्रता हासिल करने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट को पूरा करना होगा – और दिल्ली उन लक्ष्यों के करीब पहुंच रही है। जयपुरियार ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, ‘परामर्श फर्म ने दुनिया भर में हब का संचालन किया और भारतीय हब के लिए बेंचमार्क तैयार किया।
इसने कहा कि वैश्विक हब बनने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर करीब 2.4 करोड़ का अंतरराष्ट्रीय ट्रैफिक होना चाहिए। जब यह अध्ययन किया गया था, तब हमारा अंतरराष्ट्रीय ट्रैफिक तकरीबन 1.8 करोड़ था। पिछले साल, 2024-25 में हम करीब 2.16 करोड़ तक पहुंच गए। हमें उम्मीद है कि अगले एक से दो साल में हम प्रति वर्ष 2.4 करोड़ अंतरराष्ट्रीय यात्रियों का आंकड़ा पार कर लेंगे।’
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिंग ट्रैफिक, जो हब की ताकत का प्रमुख संकेतक है, में भी महत्वपूर्ण प्रगति नजर आई है। मुख्य कार्य अधिकारी ने कहा, ‘अध्ययन में यह भी पाया गया कि अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिंग ट्रैफिक – चाहे वह घरेलू से अंतरराष्ट्रीय (डी-आई) हो या अंतरराष्ट्रीय से अंतरराष्ट्रीय (आई-आई) और अंतरराष्ट्रीय से घरेलू (आई-डी) ऊपर बताए गए 2.4 करोड़ ट्रैफिक में से 70 लाख होना चाहिए, जो कुल अंतरराष्ट्रीय ट्रैफिक का 33 प्रतिशत होगा। दिल्ली एयरपोर्ट वर्तमान में 60 लाख अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिंग ट्रैफिक को संभालता है। इसलिए यह एक बड़ा सुधार है।’