G20 Summit: राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित हो रहे जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के दौरान भारत अपनी सांस्कृतिक शक्ति यानी ‘सॉफ्ट पावर’ और ‘सभ्यता से जुड़ी विरासत’ का प्रदर्शन करने की योजना बना रहा है जिसमें कला और संस्कृति से लेकर तकनीकी विकास तक की चीजें होंगी। चाहे वह पंजाब की फुलकारी हो या फूलों की कढ़ाई का काम हो, पश्चिम बंगाल की कांथा सिलाई या फिर बिहार की मधुबनी पेंटिंग हो, शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले जी20 देशों के नेता और प्रतिनिधि ‘शिल्प बाजार’ से कई ऐसी वस्तुएं खरीद सकेंगे जो 8-10 सितंबर तक ‘भारत मंडपम’ में लगाई जाएगी।
शिल्प बाजार में भारत के विभिन्न हिस्सों के हस्तशिल्प उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी जिसमें एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना, भौगोलिक संकेतक (जीआई) टैग वाली वस्तुओं और महिलाओं के साथ-साथ आदिवासी कारीगरों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों विशेष रूप से मौजूद होंगे।
विदेश मंत्रालय में जी-20 सचिवालय के विशेष सचिव मुक्तेश परदेशी ने मंगलवार को कहा, ‘हम प्रत्येक उत्पाद की बाजार क्षमता का प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा प्रदर्शित किया जाएगा।’ परदेशी ने संवाददाताओं से कहा कि इससे न केवल भारत में बने उत्पादों को बढ़ावा दिया जाएगा बल्कि स्थानीय कारीगरों के स्वदेशी उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने की कोशिश भी होगी।
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प्रदर्शनी में लगभग 30 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ-साथ खादी ग्रामोद्योग और उद्योग आयोग, सरस आजीविका जैसी केंद्रीय एजेंसियां भाग लेंगी। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘यह शिल्प बाजार एक ही मंच पर पूरे भारत के सर्वश्रेष्ठ हस्तशिल्प वस्तुओं को एक साथ लाकर हमारे कारीगरों के उत्कृष्ट कौशल और शिल्प कौशल को भी प्रदर्शित करेगा।’
इसके अलावा, भारत प्रदर्शनी में वित्तीय क्षेत्र में अपनी डिजिटल भुगतान पहलों का भी प्रदर्शन करेगा, जिसमें फ्रिक्शनलेस क्रेडिट के लिए पब्लिक टेक प्लेटफॉर्म, सेंट्रल बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी), एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई), रुपे, भारत बिल भुगतान प्रणाली आदि शामिल होंगे।
पब्लिक टेक प्लेटफॉर्म पर डिजिटल तरीके से केसीसी और डेरी ऋण के आवेदन लेने से मंजूरी देने तक और वितरण प्रक्रिया कुछ ही मिनटों में निपटा दी जाएगी जिससे ग्रामीण क्षेत्र के ऋण में क्रांति आएगी। भारतीय रिजर्व बैंक के सूत्रों ने कहा कि आने वाले समय में इस मंच का इस्तेमाल छोटे ऋणों के वितरण के लिए किया जा सकता है, जिससे छोटे कारोबारों को मदद मिल सकती है।