अप्रैल में 17.4 किलोमीटर प्रतिदिन के हिसाब से 523 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण हुआ। यह अप्रैल 2020 को छोड़कर पिछले 6 साल की सबसे धीमी शुरुआत है। 2020 में कोविड के कारण देशबंदी हुई थी, जिससे देश में ज्यादातर निर्माण गतिविधियां रुक गई थीं। सामान्यतया यह शुष्क महीना होता है, जबकि इस साल अप्रैल में खूब बारिश हुई।
अधिकारियों और विशेषज्ञों ने कहा कि सड़क निर्माण की सुस्त रफ्तार की यह बड़ी वजह है। मार्च और जून के बीच सामान्यतया सबसे तेजी से निर्माण होता है, क्योंकि परियोजनाओं पर काम करने के लिए मौसम और वित्तीय स्थिति सही रहती है।
बहरहाल इस साल अप्रैल में देश भर में कई बार बारिश हुई। अनुमान से पता चलता है कि आने वाले महीनों में बेमौसम बारिश की संख्या में कमी आएगी। इसका मतलब यह है कि मई और जून में राजमार्ग निर्माण का काम तेज होगा और मॉनसून शुरू होने के पहले अप्रैल में आई सुस्ती की भरपाई हो जाएगी। मॉनसून के महीनों में निर्माण की रफ्तार सुस्त हो जाती है।
इस साल अलनीनो का असर पड़ने की संभावना है, जिससे भारत के मॉनसूनी बारिश को लेकर चिंता बढ़ी है। मौसम विभाग ने कहा है कि इस साल बारिश सामान्य रहेगी, जबकि निजी एजेंसियों का दावा है कि मॉनसून देरी से आएगा।