देश के कई हिस्सों में तापमान बढ़ना शुरू हो गया है। भारत के मौसम विभाग के मुताबिक महाराष्ट्र सहित दक्षिण-पश्चिम और मध्य भारत में 16 फरवरी के बाद से तापमान में 2-4 डिग्री की बढ़ोतरी होने का अनुमान है। फिर इसमें कोई खास बदलाव आने की उम्मीद भी नहीं है।
भारत के मौसम विभाग ने अपनी हालिया पूर्वानुमान में कहा कि उत्तर भारत में 23 फरवरी से 1 मार्च तक न्यूनतम तापमान सामान्य के करीब रहेगा या सामान्य से 1-2 डिग्री सेल्सियस अधिक रहेगा। हालांकि देश के अन्य हिस्सों में तापमान सामान्य के करीब रहेगा। उत्तर भारत में अगले एक महीने में तापमान में कोई असामान्य बढ़ोतरी होने पर गेहूं की खड़ी फसल पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इसका कारण यह है कि इस अवधि के दौरान गेहूं की बालियों में दाना आने का महत्त्वपूर्ण चरण शुरू होगा। गुजरात और मध्य भारत के कुछ हिस्सों में दिन का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है। हालांकि आने वाले कुछ दिनों तापमान उत्तर भारत में भी इस स्तर पर पहुंच सकता है।
उच्च तापमान जल्दी बढ़ने का प्रमुख कारण यह है कि सर्दियों के मौसम में बारिश न के बराबर हुई। देश के बड़े भूभाग पर पश्चिमी विक्षोभ कम आए। देश भर में 1 जनवरी से 17 फरवरी, 2023 तक बारिश सामान्य से करीब 35 फीसदी कम हुई। हालांकि अक्टूबर से दिसंबर के दौरान भी मानसून के बाद होने वाली बारिश सामान्य से कम रही थी।
इस हफ्ते की शुरुआत में केंद्र ने दूसरे अनुमान में कहा था कि रबी के विपणन सत्र (वित्त वर्ष 23-24) में गेहूं का उत्पादन अपने सर्वोच्च स्तर 1121.8 लाख टन पहुंच सकता है। इस अनुमान के मुताबिक सरसों और चने का रिकार्ड उत्पादन हो सकता है।