साल 2023 के अभी तीन महीने ही खत्म हुए हैं और गूगल की रिपोर्ट बताती है कि भारत में भ्रामक सूचनाएं अब तक के सर्वकालिक स्तर पर पहुंच गई है। भ्रामक सूचनाओं को रोकने के लिए गूगल ने ऐलान किया है कि सूचना कहां से आ रही है इसका पता लगाने और समझाने के लिए वह अबाउट दिस रिजल्ट फीचर शुरू कर रही है।
यह फीचर दुनिया भर में मौजूद रहेगा और यह हिंदी, बांग्ला, मराठी, तमिल, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, तेलुगू और पंजाबी जैसी नौ भारतीय भाषाओं में भी उपलब्ध है। जब भी कोई उपयोगकर्ता इन भाषाओं में कुछ ढूंढेगा वह इसके स्रोत के बारे में और अधिक जान सकता है अगर वह गूगल सर्च में लिखे मोस्ट रिजल्ट के पास बनी तीन बिंदुओं पर क्लिक करता है। उन तीन बिंदुओं पर क्लिक से उपयोगकर्ता को यह जानकारी मिल जाएगी कि यह कहां से आ रही है और गूगल सिस्टम ने यह कैसे निर्धारित किया कि यह जानकारी उसके लिए सार्थक हो सकता है।
गूगल के एक ब्लॉग में कहा गया है, ‘इसके अतिरिक्त आपको उन वेबसाइटों के बारे में भी जानकारी मिलेगी जिन पर जा सकते हैं और कौन से परिणाम आपके लिए सबसे अधिक कारगर होंगे। यह सुविधा हमारे सभी उत्पादों के लिए हैं और भ्रामक सूचनाओं के खिलाफ लड़ाई में हमारे योगदान को जाहिर करती है।’
भारत में गूगल फैक्टशाला चलाती है। यह 250 से अधिक पत्रकारों और अन्य विशेषज्ञों के नेतृत्व में चलने वाला एक मीडिया साक्षरता नेटवर्क है जो 15 से अधिक भारतीय भाषाओं में स्थानीय कार्यशालाओं और कार्यक्रम का संचालन करता है।
इस साल फैक्टशाला मीडिया साक्षरता को लेकर नए और अभिनव प्रारूपों के साथ प्रयोग करने में मदद करने के लिए एक कार्यक्रम शुरू कर रहा है और 500 कॉलेजों के सहयोग से पहली बार मतदान करने वाले युवाओं के लिए भी एक अभियान चलाएगा।