मध्य प्रदेश की पहली महिला एवरेस्ट विजेता पर्वतारोही मेघा परमार को कांग्रेस में शामिल होने के एक दिन बाद ही प्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग (WCD) के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कैंपेन के ब्रांड एंबेसडर के दायित्व से मुक्त कर दिया गया है।
विभाग के आदेश में कहा गया है कि उन्हें तत्काल प्रभाव से इस दायित्व से मुक्त किया जाता है। मेघा सीहोर जिले से आती हैं जो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृह जिला है।
मेघा ने बिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत में कहा, ‘ मैं हतप्रभ हूं। मैंने इस प्रदेश के सभी 52 जिलों का लगातार दौरा किया और बेटियों को प्रोत्साहित किया। मैंने कभी किसी आयोजन में शामिल होने के लिए एक रुपया तक नहीं लिया लेकिन ब्रांड एंबेसडर के दायित्व से मुक्त करने का आदेश मुझे व्हाट्सऐप पर भेजा गया। यह काम अधिक सम्मानजनक तरीके से किया जा सकता था।’
मेघा कहती हैं, ‘पर्वतारोहण के दौरान एक बार मेरी रीढ़ की हड्डी में गहरी चोट लगी थी। उससे मैं धीरे-धीरे उबर आयी। अब लग रहा है कि एक बार फिर मेरी रीढ़ को चोट पहुंचाने की कोशिश की गई है। मैं इससे भी उबर आऊंगी।’ मेघा तीन अन्य विभागों सांची दुग्ध संघ, एमपी हैंडलूम और मतदाता जागरुकता की भी ब्रांड एंबेसडर हैं।
राजनीति में आने के निर्णय के बारे में मेघा ने कहा, ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के सिलसिले में जब मैंने प्रदेश के 52 जिलों का दौरा किया तो मुझे पता चला कि दूरदराज इलाकों में हालात कितनी दयनीय है। मैं पहले से समाज सेवा करती रही हूं और अब राजनीति की राह चुनी है।’ चुनाव लड़ने के बारे में उन्होंने कहा कि पार्टी उन्हें जो भी जिम्मेदारी देगी वह उसे निभाने का पूरा प्रयास करेंगी।
विगत मंगलवार को छिंदवाड़ा में कांग्रेस की नारी सम्मान योजना की लॉन्चिंग के अवसर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने मेघा को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई थी।
सीहोर की रहने वाली मेघा ने 2019 में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर फतह हासिल की थी। वह ऐसा करने वाली मध्य प्रदेश की पहली महिला हैं।