महाराष्ट्र में तीन सरकारी बिजली कंपनियों के यूनियन ने इन कंपनियों के निजीकरण के विरोध में बुधवार से 72 घंटे की हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। बिजली कंपनियों की कार्य समिति महाराष्ट्र राज्य कर्मचारी, अधिकारी एवं इंजीनियर संघर्ष समिति ने हड़ताल का आह्वान किया है। मांग पूरी न हुई तो 18 जनवरी से कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे।
हड़ताल पर जाने वाली महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (महावितरण), महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (महापारेषण) और महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी जेनरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (महानिर्मिति) सरकारी बिजली कंपनियां हैं। महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स फेडरेशन के महासचिव कृष्ण भोईर ने कहा कि चालकों, वायरमैन, इंजीनियरों और अन्य कर्मचारियों की 30 से अधिक यूनियन सरकारी बिजली कंपनियों के निजीकरण के प्रयास को विफल करने के लिए एक साथ आए हैं।
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भोईर ने कहा कि इन कंपनियों के कर्मी पिछले दो तीन सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे हैं और सोमवार को 15,000 से अधिक कर्मियों ने ठाणे जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया था। इन तीन बिजली कंपनियों के करीब 86,000 कर्मचारी, अधिकारी, इंजीनियर निजीकरण के खिलाफ बुधवार से 42,000 अनुबंधित कर्मियों एवं सुरक्षाकर्मियों के साथ 72 घंटे की हड़ताल पर चले जाएंगे। प्रदर्शनकारी कर्मियों की एक बड़ी मांग यह है कि अदाणी ग्रुप की सहायक कंपनी को पूर्वी मुंबई के भांडुप, ठाणे और नवी मुंबई में मुनाफा कमाने के लिए समानांतर लाइसेंस नहीं दिया जाए।