CM Kejriwal interim bail: केंद्रीय जांच एजेंसी (ED) ने आज मुख्यमंत्री केजरीवाल की अंतरिम जमानत का फिर से विरोध किया है। ED ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि केजरीवाल का चुनाव प्रचार का अधिकार न तो मौलिक अधिकार (Fundamenta Right) है और न ही संवैधानिक अधिकार (Constitutional Right) है। ED ने कहा कि यह कानूनी अधिकार (legal right) भी नहीं है।
ED ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक नए हलफनामे (fresh affidavit ) में कहा कि अरविंद केजरीवाल लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं और किसी भी राजनीतिक नेता को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत नहीं दी गई।
केजरीवाल की याचिका के विरोध में ED ने कहा कि केजरीवाल की ही अकेले बात नहीं है, यहां तक कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को हिरासत में होने पर अपने खुद के प्रचार के लिए भी अंतरिम जमानत नहीं दी जाती है। ED ने इससे पहले भी सुनवाई के दौरान कहा था कि किसी भी राजनेता को विशेष तमगा नहीं देना चाहिए और उसे एक आम नागरिक की तरह ही सुविधाएं मिलनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट कल यानी 10 मई को फिर से अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करेगा। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच मामले की सुनवाई करेगी।
कयास लगाए जा रहे हैं कि सीएम केजरीवाल को इस बार सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में अंतरिम जमानत मिल सकती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि 7 मई को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ED के जवाब से संतुष्ट नहीं था और अंतरिम जमानत की ओर संकेत दिया था।
जस्टिस खन्ना ने कहा था कि उनकी बेंच सीएम केजरीवाल की जमानत पर अंतरिम आदेश शुक्रवार को सुनाएगी। गिरफ्तारी को चुनौती देने से संबंधित मुख्य मामले पर भी उसी दिन सुनवाई की जाएगी।
बता दें सीएम केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका दायर की थी। दिल्ली के कथित शराब घोटाले के मामले में सीएम केजरीवाल इस समय तिहाड़ जेल में कैद हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) के दिग्गज नेता केजरीवाल को ED ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। उनपर कथित रूप से मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। ED का मानना है कि वे 100 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में संलिप्त थे।