दिल्ली सरकार अब ई-वेस्ट संग्रहण करने वालों को व्हाइट कैटेगरी के तहत पर्यावरण अनुमति नहीं देगी। सरकार ने व्हाइट कैटेगरी के तहत ई-वेस्ट हैंडलिंग को शून्य घोषित कर दिया है। इसके साथ ही अब तक व्हाइट श्रेणी के तहत ई-वेस्ट के संग्रहण करने वालों को दी गई अनुमति को भी रद्द कर दिया गया
है।
दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि उद्योगों को रेड, ग्रीन, ऑरेंज और व्हाइट कैटेगरी में बांटा गया है। व्हाइट श्रेणी के तहत उद्योग लगाने और चलाने की अनुमति के लिए आवेदन की प्रक्रिया बहुत ही सरल है। उद्यमियों को सिर्फ लिखित में यह देना होता है कि वह व्हाइट कैटेगरी के तहत आने वाले उद्योग से जुड़े हैं। इसी लिखित पत्र के आधार पर उद्यमियों को स्वत: दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति से जरूरी अनुमति मिल जाती है।
व्हाइट कैटेगरी में प्रदूषण रहित उद्योग आते हैं। अब तक दिल्ली में ई-वेस्ट हैंडलिंग( Electrical व Electronics Equipments Collection, Segregation व Storage ) करने वाले उद्यमी व्हाइट कैटेगरी के तहत आवेदन कर DPCC से इस काम करने की अनुमति ले रहे थे। लेकिन अब DPCC ने ई-वेस्ट को व्हाइट कैटेगरी के तहत null and void घोषित कर दिया है। जिससे अब किसी भी ई-वेस्ट संग्रहणकर्ता को व्हाइट कैटेगरी के तहत अनुमति नहीं दी जाएगी।
जिनको अनुमति मिली है, वह भी रद्द होगी
DPCC ई-वेस्ट हैंडलिंग करने वाले उद्यमियों को अब व्हाइट कैटेगरी के तहत अनुमति नहीं देगा। साथ ही जिन ई-वेस्ट संग्रहकर्ताओं को व्हाइट श्रेणी के तहत अनुमति मिली है, उसे भी रद्द माना जाएगा। ई-वेस्ट को किसी दूसरी कैटेगरी में शामिल किया जाएगा। इसके ऑरेंज कैटेगरी में शामिल होने की संभावना ज्यादा है। इस कैटेगरी में शामिल होने पर DPCC अनुमति लेने के लिए पूरी कागजी प्रक्रिया पूरी करनी पडे़गी और इसका निर्धारित अवधि के बाद नवीनीकरण भी कराना होगा।