यात्रियों की संख्या महामारी के पहले के स्तर पर पहुंच रही है, जिसे देखते हुए दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) अब अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए पांचवें चरण की योजना की तैयारी में है। इस चरण में मेट्रो के बुनियादी ढांचे पर जोर दिया जाएगा, क्योंकि मौजूदा नेटवर्क की क्षमता का पूरा इस्तेमाल होने के करीब है। इस मामले में चर्चा अभी शुरुआती दौर में है। डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक विकास कुमार ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा कि संभवतः मेट्रो रेल उन क्षेत्रों में नई लाइन नहीं बिछाएगी, जो अब तक के 4 चरणों में इसमें शामिल नहीं हो सके हैं, इसके बजाय मेट्रो का ध्यान क्षमता बढ़ाने पर होगा।
कुमार ने कहा, ‘पांचवें चरण में ज्यादातर समानांतर मार्ग तैयार होंगे और कुछ मार्गों पर आखिरी छोर तक संपर्क प्रदान किया जाएगा। पूरी दुनिया में मेट्रो रेल की मांग बढ़ रही है और ऐसी स्थिति में समानांतर मार्ग विकसित किए जाते हैं।’
इस योजना पर ऐसे समय में काम चल रहा है, जबकि मेट्रो रेल इस समय लंबे समय से लंबित 24,000 करोड़ रुपये की परियोजना पर काम कर रही है और तीन प्राथिमकता वाले गलियारों पर काम 2025-26 में पूरा होने की संभावना है। डीएमआरसी के पूर्व एमडी मंगू सिंह ने इसके पहले कहा था कि चौथा चरण दिल्ली मेट्रो का अंतिम चरण होगा। उन्होंने कहा कि पांचवें चरण की योजना चौथे चरण की परियोजनाओं की प्रगति देखने के बाद तैयार की जाएगी।
कुमार ने कहा, ‘अभी हमारा ध्यान चौथे चरण पर है। अभी 3 गलियारों को मंजूरी मिलनी बाकी है। इसलिए अभी इसमें कुछ वक्त लगेगा।’ यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग देने के लिए समानांतर मेट्रो लाइनों की स्थापना की योजना बनाई गई है। इसका मकसद भीड़भाड़ वाली बन चुकी मेट्रो में बेहतरीन अनुभव देना है। डीएमआरसी मौजूदा मेट्रो स्टेशनों के बुनियादी ढांचा की क्षमता बढ़ाने पर भी विचार कर सकती है, जिससे कि और ज्यादा यात्रियों की आसान आवाजाही सुनिश्चित हो सके। कुमार ने कहा कि अगले चरण में इन दोनों के लिए मिली-जुली कवायद होगी।
प्रमुख स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ बढ़ रही है। मेट्रो से यात्रा करने वालों के लिए यह चिंता का विषय है, क्योंकि इस समय यात्रियों की संख्या महामारी के पहले के स्तर पर पहुंच चुकी है। भीड़भाड़ वाले घंटों में सुरक्षा जांच का वक्त बढ़ गया है और इसमें कभी कभी आधे से एक घंटे वक्त लग रहा है। ट्रांसपोर्टर ने पहले ही ट्रेनों में भीड़ की समस्या के समाधान की कवायद शुरू कर दी है। अप्रैल 2021 में डीएमआरसी ने घोषणा की थी कि वह साल के अंत तक रेड, येलो और ब्लू लाइन की 6 कोच की सभी ट्रेनों को 8 कोच की बनाएगी।
बहरहाल रेड लाइन पर 8 कोच की पहली ट्रेन नवंबर 2022 में ही उतारी जा सकी। दिल्ली मेट्रो के पास इस समय 336 ट्रेनों का बेड़ा है। इसमें 6 कोच की 181 ट्रेन, 8 कोच की 133 ट्रेन और 4 कोच की 22 ट्रेन शामिल हैं। नवंबर में दिल्ली मेट्रो में यात्रियों का रोजाना का औसत 51.1 लाख था, जो महामारी के पहले के रोजाना के 61.3 लाख यात्रियों के औसत के 85 प्रतिशत से ज्यादा है। कुमार ने कहा कि ज्यादा उम्मीद है कि मेट्रो अगले 4 महीने में यात्रियों के इस स्तर पर पहुंच जाएगी। 2020 में कोविड-19 की देशबंदी के दौरान मेट्रो सेवाएं कई महीने तक ठप रहीं और उसके बाद मेट्रो में यात्रियों की आवक कम रही।