दिल्ली सरकार कुछ औद्योगिक भूखंडों की ई-नीलामी करने जा रही है। उद्यमियों के लिए सबसे बड़ी राहत की बात ये है कि ये भूखंड फ्री होल्ड होंगे। ये भूखंड पुनर्वास योजना के तहत बसाये गए नरेला और बवाना औद्योगिक क्षेत्रों में हैं।
बीते वर्षों में पुनर्वास योजना के तहत नरेला और बवाना औद्योगिक क्षेत्रों में करीब 22,000 उद्यमियों को भूखंड आवंटित किए गए हैं। बचे हुए भूखंडों की अब नीलामी की जा रही है।
अगले महीने होगी नीलामी, 92 लाख से 46 करोड़ रुपये तक आरक्षित मूल्य
औद्योगिक भूखंडों की नीलामी की जिम्मेदारी दिल्ली राज्य औद्योगिक व अवसंरचना विकास निगम (डीएसआईआईडीसी) के पास है। डीएसआईआईडीसी ने औद्योगिक भूखंडों की नीलामी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इच्छुक उद्यमी 27 अक्टूबर तक भूखंड के लिए आवेदन कर सकते हैं। इन भूखंडों की नीलामी 3 नवंबर को की जाएगी।
नरेला औद्योगिक क्षेत्र में 14 औद्योगिक भूखंडों की नीलामी की जाएगी, जबकि बवाना में 111 औद्योगिक भूखंडों की नीलामी की जाएगी। इस तरह कुल 125 औद्योगिक भूखंड नीलामी के लिए उपलब्ध हैं। ये भूखंड फ्री होल्ड होंगे। नरेला औद्योगिक क्षेत्र में नीलाम होने वाले औद्योगिक भूखंडों का आकार 350 से 450 वर्ग मीटर तक है। इन भूखंडों का आरक्षित मूल्य (Reserve price) आकार के हिसाब से 32 से 45.62 करोड़ रुपये के बीच है।
बवाना में नीलामी के लिए सबसे ज्यादा 111 औद्योगिक भूखंड उपलब्ध है। इन भूखंडों का आकार 100 से 250 वर्ग मीटर है। आकार के आधार पर इनका आरक्षित मूल्य 92 लाख रुपये से लेकर 23.10 करोड़ रुपये है। 100 वर्ग मीटर के भूखंड का मूल्य 92 लाख रुपये, 150 वर्ग मीटर के भूखंड का मूल्य 1.38 करोड़ रुपये, 200 वर्ग मीटर के भूखंड का मूल्य 1.84 करोड़ रुपये और 250 वर्ग मीटर के भूखंड का आरक्षित मूल्य 23.10 करोड़ रुपये है।
बवाना चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के चेयरमैन प्रकाश चंद जैन कहते हैं कि पुनर्वास योजना के इन औद्योगिक क्षेत्रों में आवंटित भूखंड लीज होल्ड हैं और उद्यमी इनको फ्री होल्ड करने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं। चूंकि अब सरकार फ्री होल्ड भूखंड की नीलामी कर रही है, तो सरकार को उद्यमियों के लीज होल्ड भूखंडों को भी फ्री होल्ड कर देना चाहिए। जिससे उद्यमियों को फ्री होल्ड भूखंड पर मिलने वाली सुविधाएं मिल सकें। जो उद्यमी इन भूखंडों पर फैक्ट्री चलाने में सक्षम नहीं है, वे इन्हें बेच भी सकते हैं।