Delhi govt- budget demand: दिल्ली सरकार ने अगले सप्ताह पेश होने जा रहे आम बजट में राज्य को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के तौर पर अधिक धनराशि देने की मांग की है। सरकार का तर्क है कि दूसरे राज्यों की तुलना में दिल्ली सरकार को नाम मात्र की धनराशि मिलती है, जबकि केंद्र सरकार को दिल्ली से आयकर व जीएसटी के रूप में 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक पैसा मिलता है।
दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने दावा किया कि दिल्ली ने पिछले वित्त वर्ष केंद्र को कुल 2.32 लाख करोड़ रुपये का कर दिया और बदले में केंद्र ने दिल्ली को एक रुपया भी नहीं दिया, जबकि केंद्र सरकार दूसरे राज्यों को खूब पैसा देती है। 2001 में केंद्र सरकार जब दिल्ली सरकार को 325 करोड़ रुपये देती थी, उस समय दिल्ली सरकार का बजट 8,000 करोड़ रुपये होता था। अब दिल्ली का बजट 75 हजार करोड़ रुपये से अधिक का है। 2001 से दिल्ली को केंद्र से मात्र 325 करोड़ रुपये मिलते रहे हैं।
हालांकि पिछले साल इसे भी बंद कर दिया गया। आतिशी ने दिल्ली के बड़े योगदान को देखते हुए केंद्र सरकार से आम बजट में दिल्ली सरकार को 10,000 करोड़ रुपये देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह केंद्र के बजट का मात्र 0.25 फीसदी और दिल्ली के लोगों द्वारा दिए जाने वाले आयकर का भी 5 फीसदी ही है।
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आतिशी ने कहा कि केंद्र सरकार दूसरे राज्यों को काफी पैसा देती है। मुंबई से केंद्र सरकार को 5 लाख करोड़ रुपये का आयकर जाता है। इसके बदले में केंद्र से महाराष्ट्र सरकार को 54 हजार करोड़ मिले। इसी तरह बेंगलूरु से करीब 2 लाख करोड़ रुपये के आयकर के बदले कर्नाटक सरकार को 33 हजार करोड़ रुपये मिलते हैं। दिल्ली से भी 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कर जाता है। लेकिन बदले में कुछ नहीं मिलता है। इसलिए इस बार के केंद्रीय बजट में दिल्ली के लोगों को उनका हक मिलना ही चाहिए।