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Delhi floods: यमुना फिर खतरे के निशान के पार, बाढ़ की आशंका

यमुना नदी का जलस्तर रविवार को एक बार फिर खतरे के निशान के पार चला गया। जलस्तर बढ़ने से बाढ़ प्रभावित निचले इलाकों में राहत एवं पुनर्वास के काम पर असर पड़ सकता है।

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भाषा   
Last Updated- July 23, 2023 | 4:37 PM IST

राष्ट्रीय राजधानी में यमुना नदी का जलस्तर रविवार को एक बार फिर खतरे के निशान के पार चला गया। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश के बाद हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर बढ़ गया है। अधिकारियों ने कहा कि नदी के जलस्तर में वृद्धि से राष्ट्रीय राजधानी के बाढ़ प्रभावित निचले इलाकों में राहत एवं पुनर्वास के काम पर असर पड़ सकता है।

बाढ़ के खतरे के मद्देनजर दिल्ली सरकार हाई अलर्ट पर- आतिशी

राजस्व मंत्री आतिशी ने शनिवार को कहा था कि हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में दो लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण बाढ़ के खतरे के मद्देनजर दिल्ली सरकार हाई अलर्ट पर है। उन्होंने आशंका जताई थी कि अगर जलस्तर 206.7 मीटर तक पहुंचता है, तो यमुना खादर के कुछ हिस्से जलमग्न हो सकते हैं। यमुना का जलस्तर पिछले कुछ दिनों से 205.33 मीटर के खतरे के निशान के आसपास है। 13 जुलाई को यह रिकॉर्ड 208.66 मीटर पर पहुंच गया था।

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हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान

केंद्रीय जल आयोग (CWC) के आंकड़ों के अनुसार, यमुना का जलस्तर शनिवार रात 10 बजे 205.02 मीटर से बढ़कर रविवार सुबह नौ बजे 205.96 मीटर पर पहुंच गया और इसके शाम चार बजे तक 206.7 मीटर तक पहुंचने की संभावना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 25 जुलाई तक हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान जताया है।

हथिनीकुंड बैराज में बढ़ रही जल प्रवाह की दर

CWC के आंकड़ों के मुताबिक, यमुनानगर स्थित हथिनीकुंड बैराज में जल प्रवाह की दर शनिवार सुबह नौ बजे एक लाख के आंकड़े के पार चली गई और सुबह 10 बजे से शाम चार बजे के बीच दो लाख से 2.5 लाख क्यूसेक के बीच रही। इसके बाद से जल प्रवाह की दर 1.5 लाख क्यूसेक से दो लाख क्यूसेक के बीच है।

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दिल्ली में बढ़ रही फिर से बाढ़ आने की आशंका

‘साउथ एशिया नेटवर्क ऑन डैम्स, रिवर्स एंड पीपुल’ के सहायक समन्वयक भीम सिंह रावत ने कहा, ‘इस मात्रा में पानी होने से राष्ट्रीय राजधानी में मध्यम दर्जे की बाढ़ का जोखिम पैदा होता है, जो जुलाई के दूसरे सप्ताह में आई बाढ़ से अब भी उबर रही है।’ उन्होंने कहा, ‘दूसरी बार बाढ़ आने से यमुना नदी दिल्ली में अपने ज्यादातर मैदानी हिस्सों तक फैल सकती है।’

राजधानी में हो सकती है पानी की किल्लत

दिल्ली सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली के ऊपरी हिस्सों में भारी बारिश से निचले इलाकों में प्रभावित परिवारों के पुनर्वास पर असर पड़ेगा और उन्हें लंबे समय तक राहत शिविरों में रहना पड़ सकता है। इससे शहर में जल आपूर्ति पर भी असर पड़ सकता है, जो वजीराबाद पंप हाउस में बाढ़ के कारण चार-पांच दिन तक प्रभावित रही थी और मंगलवार को ही जल आपूर्ति सामान्य हो पाई। पंप हाउस वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला शोधन प्लांट में अशोधित जल की आपूर्ति करता है। ये प्लांट शहर को करीब 25 फीसदी जल की आपूर्ति करते हैं।

First Published : July 23, 2023 | 4:37 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)