राष्ट्रीय राजधानी में देश के सबसे बड़े हवाई अड्डे का संचालन एवं प्रबंधन करने वाली जीएमआर समूह की कंपनी दिल्ली इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) ने एयरफील्ड का निर्माण पूरा कर लिया है। इसके अलावा भारत मौसम विभाग द्वारा रनवे विजुअल रेंज (आरवीआर) उपकरणों का मरम्मत सुनिश्चित करते हुए विमान से उतरने वाले यात्रियों के लिए जर्मन हैंगर भी स्थापित किए हैं। कोहरे वाले मौसम के दौरान उड़ान संचालन को बेहतर करने के लिए ये उपाय किए गए हैं।
सूत्रों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि विमानन सचिव वुमलुनमंग वुअलनम ने 18 नवंबर को डायल के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। उन्होंने डायल से कहा कि वह इस साल 14 जनवरी को कोहरे के कारण जमीन पर खड़े विमानों की संख्या का विवरण तैयार करें और उसका विश्लेषण करें ताकि इस सर्दी के मौसम में आवश्यक उपाय किए जा सकें।
पिछली सर्दी के दौरान 14 जनवरी को घने कोहरे के कारण बड़ी तादाद में उड़ानों को डायवर्ट करना पड़ा था और उसमें देरी हुई थी। रनवे 28/10 पर मरम्मत कार्य जारी रहने से स्थिति अधिक जटिल हो गई थी। वह रनवे ‘कैट 3-बी संचालन’ के लिए सक्षम है। इसके तहत उन्नत इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता है और पायलटों को रियल-टाइम विजिबिलिटी डेटा प्रदान करने के लिए आरवीआर उपकरणों की मदद ली जाती है। इससे लगभग शून्य विजिबिलिटी में भी विमानों की सुरक्षित लैंडिंग कराई जा सकती है।
डायल के प्रवक्ता ने 14 जनवरी की घटना के बारे में बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘डायल ने आंकड़ों का विश्लेषण किया और पुष्टि की कि इस साल कैट 3 संचालन के लिए सभी तैयारी पूरी है। एयरफील्ड निर्माण की सभी परियोजनाओं को नवंबर के अंत तक पूरा किया जा चुका है। फिलहाल एयरफील्ड संबंधी कोई प्रमुख कार्य लंबित नहीं है और सभी चार रनवे एवं उससे संबंधित टैक्सीवे चालू हैं।’
प्रवक्ता ने कहा, ‘पिछले अनुभवों के आधार पर अतिरिक्त अस्थायी पार्किंग की व्यवस्था की गई है। यात्रियों की संख्या में संभावित वृद्धि के मद्देनजर टर्मिनल भवनों में बैठने की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है। प्रॉसेसिंग क्षेत्रों में सभी हितधारकों द्वारा पर्याप्त कर्मचारी लगाए गए हैं और सभी हितधारकों के बीच तालमेल पहले से ही किया जा रहा है।’
मगर पिछले महीने की बैठक में वुअलनम को बताया गया था कि दिल्ली हवाई अड्डे पर रनवे 29एल का आरवीआर उपकरण काम नहीं कर रहा था। इस पर वुअलनम ने डायल और मौसम विभाग को उसे तत्काल ठीक करने के लिए कहा था।
डायल के प्रवक्ता से जब पूछा गया कि वुअलनम के उस आदेश का पालन कहां तक किया गया है तो उन्होंने कहा, ‘मौसम विभाग ने पुष्टि की है कि रनवे 29एल पर आरवीआर उपकरण को ठीक कर दिया गया है और अब वह चालू है।’
भारत के प्रमुख हवाई अड्डों पर आरवीआर उपकरणों की स्थापना एवं रखरखाव के लिए मौसम विभाग जिम्मेदार है। पिछले महीने वुअलनम ने जर्मन हैंगर स्थापित करने के लिए कहा था ताकि कोहरे के कारण घंटों विमान में फंसे रहने वाले यात्रियों को विमान से उतारकर आराम करने के लिए जगह दी जा सके।