देश में माल ढुलाई के लिए तैयार हो रही सबसे बड़ी रेलवे लाइन यानी डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (Dedicated Freight Corridor) का निर्माण तेजी से हो रहा है। रेलवे उद्योग जगत को भरोसा दिलाने में लगा है कि इससे उनका माल तेजी से सुगमता के साथ एक शहर से दूसरे शहर पहुंच सकेगा। इस कॉरिडोर में माल गाड़ियां जल्द ही दौड़ना शुरु कर देगी।
मुंबई में भारत मर्चेंट्स चेम्बर द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उद्योग जगत के लोगों को कॉरिडोर के बारे जानकारी देते हुए पश्चिम रेलवे के मुख्य माल भाड़ा मैनेजर (चीफ फ्रेट ट्रांसपोर्ट मैनेजर) नरेंद्र पवार ने बताया कि रेलवे अभी मुख्य तौर पर डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर काफ़ी निवेश कर रही है।
इस समय गुड्स ट्रांसपोर्ट की एक अलग कॉरिडोर का निर्माण कार्य बहुत तेज़ी से चालू है। इससे गुड्स को बहुत तेज़ी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा जा सकेगा। तथा इस कॉरिडोर के बन जाने से यात्री ट्रेन की स्पीड व बारंबता भी बढ़ाये जाने में मदद मिलेगी।
आजादी के बाद माल ढुलाई के लिए देश के अंदर सबसे बड़ी रेलवे लाइन बिछाई जा रही है। जिसको डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर नाम दिया गया है। वर्तमान में दो कॉरिडोर बन रहे हैं। पहला है ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (EDFC) और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (WDFC) दूसरा कॉरिडोर है।
ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की लम्बाई 1839 किलोमीटर और बेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर की लम्बाई 1504 किलोमीटर है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि शुष्क और समुद्री बंदरगाह के बीच माल ढुलाई के लिए ट्रेनों की आवाजाही समय को कम करने के लिए डबल स्टैक ट्रेन को 20 अप्रैल से जारी है। 30 अगस्त से लॉन्ग हॉल और डबल-स्टैक ट्रेनें का संचालन आईसीडी दादरी से पीपावाव और जेएनपीटी बंदरगाहों के लिए भी शुरू हो जाएगा।
चेंबर के अध्यक्ष विजय लोहिया ने कहा कि उद्योग और कारोबारियों के लिए आजादी के बाद रेलवे का यह सबसे बेहतरीन है। इससे माल समय पर पहुंचेगा, माल खराब नहीं होगा जिससे लागत भी कम होगी। जिसका फायदा आम लोगों को मिलेगा। इस कार्यक्रम में निलेश वैश्य, अजय सिंघानिया, शिव कानोडिया, ट्रस्टी राजीव सिंगल, योगेन्द्र राजपुरिया, श्रीप्रकाश केडिया, मनोज जालान, नवीन बगड़िया, आनंदप्रकाश गुप्ता, प्रदीप जैन इत्यादि बड़ी संख्या में कपड़ा व्यापारी उपस्थित थे।
वेस्टर्न Dedicated Freight Corridor मेन रेलवे लाइन पर ट्रैफिक कम हो जाएगा। साफ है कि यात्री ट्रेनों की स्पीड बढ़ जाएगी। यात्री ट्रेनें कम से कम समय में ज्यादा दूरी तय कर सकेंगी। फ्रेट कॉरिडोर की रेलवे लाइन मालगाड़ी की स्पीड को 25 किलोमीटर से बढ़ाकर 75 किलोमीटर प्रतिघंटा तक कर देगा।
इसके अलावा माल ढुलाई परिवहन में इजाफा होगा। अनुमान के मुताबिक 70 प्रतिशत मालगाड़ी कॉरिडोर के ट्रैक पर दौड़ेंगी। कॉरिडोर चालू होने से रोजगार सृजन को भी बढ़ावा मिलेगा।
बता दें कि वेस्टर्न Dedicated Freight Corridor महाराष्ट्र के जवाहरलाल नेहरू पोर्ट टर्मिनल से उत्तर प्रदेश के दादरी तक तैयार हो रहा है। डब्लूडीएफसी रेलवे लाइन प्रमुख बंदरगाहों से होकर गुजरेगी. इस योजना के तहत यूपी, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में लाइन बिछाने काम जारी है।
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ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पंजाब में साहनेवाल (लुधियाना) से शुरू होकर पश्चिम बंगाल तक जा रहा है। इसका अंतिम स्टेशन दनकुनी है। इस कॉरिडोर में कोयला खदानें, थर्म पॉवर प्लांट और औद्योगिक शहर मौजूद हैं। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल राज्यों से होकर इस कॉरिडोर की रेलवे लाइन बिछाई गई हैं।