2024 के शुरुआती चार महीनों में ही साइबर अपराधियों ने भारतीयों को 1750 करोड़ रुपये से ज्यादा का चूना लगा दिया! ये जानकारी राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर दर्ज 7 लाख 40 हज़ार से ज्यादा शिकायतों से मिली है, जिसे गृह मंत्रालय द्वारा मैनेज किया जाता है।
इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) ने बताया है कि मई 2024 में औसतन रोजाना 7,000 साइबर अपराध की शिकायतें दर्ज की गईं। ये आंकड़ा 2021 से 2023 के बीच दर्ज शिकायतों से 113.7 फीसदी ज्यादा है और 2022 से 2023 की तुलना में 60.9 फीसदी ज्यादा है। ( ये जानकारी इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार है।)
इन शिकायतों में से 85 प्रतिशत ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़ी थीं। गृह मंत्रालय द्वारा स्थापित I4C साइबर अपराध से लड़ने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए एक रूपरेखा का काम करता है। रिपोर्ट किए गए मामलों में 2019 से 2024 के बीच सबसे ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिली है। जिसमें 2019 में 26,049 शिकायतें दर्ज की गईं, 2020 में 257,777, 2021 में 452,414, 2022 में 966,790, 2023 में 1,556,218 और अकेले 2024 के पहले चार महीनों में 740,957 शिकायतें दर्ज की गईं।
ज्यादातर शिकार ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट फ्रॉड, गेमिंग ऐप्स, फर्जी अल्गोरिथम, अवैध लोन ऐप्स, सेक्सटॉर्शन और ओटीपी स्कैम के जाल में फंसे। I4C ने बताया कि 2023 में इन्वेस्टमेंट फ्रॉड की 1 लाख से ज्यादा घटनाएं सामने आईं। 2024 के शुरुआती चार महीनों में 4,599 मामलों में डिजिटल धोखाधड़ी के कारण 120 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसी अवधि में ट्रेडिंग घोटालों के 20,043 मामले सामने आए, जिससे साइबर अपराधियों को 1,420 करोड़ रुपये का चूना लगा।
I4C के आंकड़ों के मुताबिक इन्वेस्टमेंट स्कैम के चलते 62,687 शिकायतों में 222 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, वहीं डेटिंग ऐप्स के कारण 1,725 शिकायतों में 13.23 करोड़ रुपये का चूना लगा। जनवरी से अप्रैल 2024 के बीच साइबर अपराधियों ने भारतीयों को कुल 1750 करोड़ रुपये का चूना लगाया।
I4C ने बताया कि वे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और फिनटेक कंपनियों जैसी नियामक संस्थाओं के साथ मिलकर साइबर अपराधियों द्वारा मनी ट्रांसफर (म्यूल अकाउंट) और दूरसंचार बुनियादी ढांचे के दुरुपयोग के मुद्दों को सुलझाने के लिए काम कर रहे हैं। इसके अलावा, वे स्काइप अकाउंट, गूगल और मेटा के विज्ञापन, एसएमएस हेडर, सिम कार्ड और बैंक खातों को ब्लॉक करने सहित साइबर अपराधों की निगरानी और उन्हें रोकने का काम कर रहे हैं।