केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) 2024-25 शैक्षणिक सत्र से प्रायोगिक रूप से कक्षा छठी, नौवीं और 11वीं के लिए ‘नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क’ शुरू करेगा और उसने अपने संबद्ध स्कूलों को इसमें भागीदारी के लिए आमंत्रित किया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
सरकार ने पिछले साल स्कूल, उच्चतर और व्यावसायिक शिक्षा के निर्बाध एकीकरण को सुनिश्चित करने और छात्रों को पूर्व से अपने ‘क्रेडिट’ जमा करने की अनुमति देने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020 के कार्यान्वयन के तहत प्राथमिक से Ph.D स्तर तक नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCRF) शुरू किया था। इसके बाद, CBSE ने भी इसे लागू करने के लिए अपना मसौदा दिशानिर्देश तैयार किया।
CBSE ने स्कूल प्रधानाध्यापकों को लिखे एक पत्र में कहा है, ‘CBSE ने मसौदा NCRF कार्यान्वयन दिशानिर्देशों को तैयार कर जारी किया, उन पर कई कार्यशालाओं में चर्चा की और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से मंजूरी प्राप्त की।’
पत्र में कहा गया कि इनकी प्रभावशीलता का परीक्षण और मूल्यांकन करने के लिए इन दिशानिर्देशों का प्रायोगिक कार्यान्वयन किया जाना है।
CBSE से संबद्ध स्कूलों में सत्र 2024-2025 के लिए छठी, नौवीं और 11वीं कक्षा में इसे लागू करने की योजना बनाई गई है।
CBSE ने कहा कि इस प्रायोगिक कार्यक्रम में रुचि रखने वाले स्कूलों के प्रधानाध्यापक इस बारे में सूचित कर सकते हैं। छात्र कक्षा में पठन-पाठन, प्रयोगशाला कार्य, परियोजनाओं, खेल, प्रदर्शन कला, राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC), सामाजिक कार्य, व्यावसायिक शिक्षा और अनुभवात्मक शिक्षा से ‘क्रेडिट’ अर्जित कर सकते हैं, जिसमें प्रासंगिक अनुभव ( relevant experience) और अर्जित प्रोफेशनल स्तर शामिल हैं।
CBSE ने कहा कि अर्जित ‘क्रेडिट’ को छात्र के ‘एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट’ (ABC) में जमा किया जाएगा।