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दिल की बीमारी का इलाज हुआ अब और महंगा, स्टेंट की कीमतों में 2% तक की बढ़ोतरी

भारत में हृदय रोग का बढ़ता बोझ देखते हुए स्टेंट की अधिकतम कीमत में यह बढ़ोतरी अहम मानी जा रही है।

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संकेत कौल   
Last Updated- March 28, 2025 | 3:53 PM IST

Cardiac stents Price Hike: देश में दिल के मरीजों (heart patients) के लिए इलाज महंगा होने जा रहा है। शीर्ष दवा मूल्य नियामक नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने कोरोनरी स्टेंट (coronary stents) बनाने और आयात करने वाली कंपनियों को कीमतें बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। यह फैसला महंगाई में हुई वृद्धि को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। NPPA ने 27 मार्च को जारी आदेश में कहा कि जिन कंपनियों के स्टेंट की खुदरा कीमतें उसकी तय की गई अधिकतम सीमा से कम हैं, वे 2024 के थोक मूल्य सूचकांक (WPI) के अनुसार 1.74028% तक कीमतें बढ़ा सकती हैं।

यह फैसला उस निर्णय के बाद आया है, जिसमें नियामक ने बुधवार को नेशनल लिस्ट ऑफ एसेंशियल मेडिसिन्स (NLEM) में शामिल अनुसूचित दवाओं की कीमतों में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) में हुए बदलाव के आधार पर 1.74% तक बढ़ोतरी की अनुमति दी थी।

इस बढ़ोतरी के साथ अब बेयर मेटल स्टेंट (bare metal stents) की अधिकतम कीमत ₹10,692.69 प्रति यूनिट हो जाएगी, जबकि ड्रग-एल्यूटिंग, बायोमेटैलिक और बायोरिज़ॉर्बेबल वैस्कुलर स्कैफोल्ड (BVS) स्टेंट्स की अधिकतम कीमत ₹38,933.14 प्रति यूनिट तय की गई है।

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हालांकि, NPPA ने यह भी स्पष्ट किया है कि जो निर्माता तय की गई अधिकतम कीमत का पालन नहीं करेंगे, उन्हें ड्रग्स प्राइसेज़ कंट्रोल ऑर्डर 2013 के प्रावधानों के तहत अतिरिक्त वसूली गई राशि के साथ ब्याज जमा करना होगा। NPPA ने सभी रिटेलर्स और डीलर्स को निर्देश दिया है कि वे निर्माता द्वारा उपलब्ध कराई गई कीमत सूची को अपने व्यावसायिक स्थल पर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करें। भारत में हृदय रोग का बढ़ता बोझ देखते हुए स्टेंट की अधिकतम कीमत में यह बढ़ोतरी अहम मानी जा रही है।

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, साल 2022 में 32,457 लोगों की मौत हार्ट अटैक से हुई जो 2021 में दर्ज 28,413 मौतों की तुलना में 12.5% अधिक है।

NPPA ने रिंगर लैकटेट इंजेक्शन (ringer lactate injections) के कई यूनिट प्रकारों और पाइपरेसिलिन तथा टैजोबैक्टम के इंजेक्टेबल फिक्स्ड डोज़ कॉम्बिनेशन (FDC) की भी अधिकतम कीमतें तय की हैं। जहां रिंगर लैकटेट एक इंट्रावीनस सॉल्यूशन है जिसका इस्तेमाल शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी (जैसे डिहाइड्रेशन या ब्लड वॉल्यूम कम होने) की स्थिति में किया जाता है। वहीं पाइपरेसिलिन और टैजोबैक्टम का कॉम्बिनेशन न्यूमोनिया जैसे बैक्टीरियल संक्रमणों के इलाज में उपयोग होता है।

First Published : March 28, 2025 | 3:12 PM IST