केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नैशनल क्वांटम मिशन (NQM) को मंजूरी दे दी। इस योजना के तहत अगले 6 साल के लिए कुल 6,003 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। योजना का मकसद देश में क्वांटम तकनीक के क्षेत्र में नवोन्मेषी वातावरण (innovative ecosystem) तैयार करना और शोध एवं विकास (R&D) को बढ़ावा देना है।
इस परियोजना को 2 साल की देरी के बाद हरी झंडी मिली है। सरकार ने पहली बार 2020 के बजट में इस योजना की घोषणा की थी और उस समय योजना में 8,000 करोड़ रुपये के करीब लगाने की प्रतिबद्धता जताई थी। अब इसके कुल आवंटन को घटाकर 6,003 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
इस कार्यक्रम का क्रियान्वयन अन्य विभागों की साझेदारी के साथ विज्ञान एवं तकनीक मंत्रालय करेगा। इस कार्यक्रम के साथ भारत उन 6 देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है, जो क्वांटम कंप्यूटिंग में शोध एवं विकास की क्षमता विकसित कर रहे हैं।
इन देशों में अमेरिका, चीन, फिनलैंड, ऑस्ट्रिया, फ्रांस और कनाडा शामिल हैं।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि अगले 3 साल के दौरान सरकार देश में कम से कम 20 से 50 क्टूबिट्स आफ कंप्यूटर्स बनाने का लक्ष्य रखेगी, साथ ही देश में 2,000 किलोमीटर मल्टी नोड क्वांटम नेटवर्क बनाया जाएगा।
मंत्री ने बताया कि इस राष्ट्रीय क्वांटम मिशन पर 6003 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इसकी समयावधि वर्ष 2023-24 से 2030-31 तक होगी।
विशेषज्ञों ने कहा है कि भारत जैसे देश में, जहां सरकार कई समस्याओं के समाधान के लिए तकनीक का इस्तेमाल करती है, क्वांटम कंप्यूटिंग से बड़ा बल मिल सकता है क्योंकि यह बड़े पैमाने पर सिमुलेशन बनाने की अनुमति देता है।
इस नए मिशन (राष्ट्रीय क्वांटम मिशन) के तहत सुपरकंडक्टिंग और फोटोनिक तकनीक जैसे विभिन्न प्लेटफॉर्म में 8 वर्षों में 50-1000 भौतिक क्यूबिट की क्षमता वाला मध्यवर्ती स्तर का क्वांटम कंप्यूटर विकसित करने की परिकल्पना की गई है।
यह तकनीक क्वांटम उपकरणों के निर्माण के लिए सुपरकंडक्टर्स, नवीन सेमीकंडक्टर संरचनाओं और सांस्थितिक (टोपोलॉजिकल) सामग्रियों आदि जैसी क्वांटम सामग्रियों के डिजाइन और संश्लेषण में भी सहायता करेगा। इसके तहत क्वांटम संचार और मौसम विज्ञान संबंधी अनुप्रयोगों के लिए एकल फोटॉन स्रोत विकसित किए जाएंगे।
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क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम संचार, क्वांटम संवेदी एवं मौसम विज्ञान और क्वांटम सामग्री एवं उपकरण के क्षेत्र में चार विषयगत केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। आसान शब्दों में कहें तो क्वांटम कंप्यूटिंग का मतलब मौजूदा कंप्यूटरों और सुपर कंप्यूटरों की तुलना में ज्यादा गणना की क्षमता वाला कंप्यूटर है।
उदाहरण के लिए, खबरों के मुताबिक गूगल के क्वांटम प्रॉसेसर साइकामोर ने 2019 में 200 सेकंड में टास्क पूरा कर लिया था, जैसा कि गूगल ने दावा किया, जबकि नेचर पेपर में अत्याधुनिक सुपर कंप्यूटर काम पूरा करने में 10,000 साल लेगा।
मिशन प्रोग्राम के तहत शीर्ष शैक्षणिक और राष्ट्रीय R&D संस्थानों में क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम कम्युनिकेशन, क्वांटम सेंसिंग और मेट्रोलॉजी और क्वांटम मैटेरियल और डिवाइस 4 थीमेटिक हब (T-Hubs) स्थापित किए जाएंगे।