जनता दल यूनाइटेड (जद यू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने रिकॉर्ड नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर रविवार को शपथ ली। राजधानी पटना के राजभवन में राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
कुमार के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं विजय कुमार सिन्हा, सम्राट चौधरी और प्रेम कुमार ने भी मंत्रिपद की शपथ ली। जद(यू) नेता विजय कुमार चौधरी, विजेंद्र यादव और श्रवण कुमार के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की अगुआई वाले हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के संतोष कुमार सुमन और निर्दलीय विधायक सुमित सिंह ने भी मंत्री पद की शपथ ली।
सूत्रों ने बताया कि मंत्रिपरिषद के अन्य सदस्यों पर एक या दो दिन में निर्णय लिया जाएगा। कुमार ने दिन में यह कहते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था कि बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन और विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन में उनके लिए ‘चीजें ठीक नहीं चल रही हैं।’
इसी के साथ उन्होंने भाजपा के सहयोग से नई सरकार बनाने का दावा भी पेश किया था। लगभग डेढ़ साल पहले उन्होंने भाजपा से नाता तोड़ लिया था। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जय प्रकाश नड्डा और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए।
कुमार के पूर्व सहयोगी ‘राष्ट्रीय जनता दल’ (राजद) ने शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया, जबकि एक अन्य पूर्व सहयोगी कांग्रेस भी अनुपस्थित रही। जद (यू) सुप्रीमो ने 2000 में राज्य के मुख्यमंत्री पद की पहली बार शपथ ली थी, लेकिन उनकी सरकार एक सप्ताह के भीतर ही गिर गयी थी।
उन्होंने मई 2014 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन आठ महीने बाद ही जीतन राम मांझी को हटाकर उन्होंने नवंबर 2015 में मुख्यमंत्री के रूप में वापसी की। उस समय जद(यू), राजद और कांग्रेस गठबंधन ने विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की थी।
उन्होंने 2017 में भाजपा के साथ नई सरकार बनाने के लिए इस्तीफा दे दिया था। वह 2020 के विधानसभा चुनाव में फिर मुख्यमंत्री बने। इस चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने जीत हासिल की थी, जबकि जदयू ने खराब प्रदर्शन किया था। बिहार विधानसभा में सदस्यों की संख्या 243 है।
नीतीश कुमार के रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस ने उनकी तुलना ‘गिरगिट’ से की और कहा कि राज्य के लोग इस ‘विश्वासघात’ के लिए उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे। कुमार के इस कदम से ‘इंडियन नैशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) को भी बड़ा झटका लगा है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि वह महागठबंधन छोड़ने के कुमार के फैसले के बारे में पहले से जानते थे लेकिन उन्होंने ‘इंडिया’ को बरकरार रखने के लिए कुछ नहीं कहा। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने नीतीश की आलोचना करते हुए कहा कि यह साफ है कि ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ से ध्यान भटकाने के लिए यह ‘राजनीतिक नाटक’ किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जल्द ही बिहार में प्रवेश करने वाली राहुल गांधी की यात्रा से ‘घबराए हुए’ हैं। रमेश ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘बार-बार राजनीतिक साझेदार बदलने वाले नीतीश कुमार रंग बदलने में गिरगिटों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं।’
वहीं पश्चिम बंगाल के सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस ने नीतीश के ‘बार-बार राजनीतिक पाला बदलने के लिए’ रविवार को उनकी निंदा की और कहा कि लोग इस प्रकार की ‘अवसरवादिता’ का उचित जवाब देंगे।
तृणमूल कांग्रेस के नेता एवं सांसद सौगत रॉय ने कहा, ‘नीतीश कुमार नियमित अंतराल पर अपना राजनीतिक पाला बदलने के लिए जाने जाते हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्होंने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को छोड़ने का फैसला किया और उनके राजग में शामिल हो गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर नीतीश कुमार को बधाई दी और कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार राज्य के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार में मंत्री पद के रूप में शपथ लेने पर भारतीय जनता पार्टी के नेता सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को भी बधाई दी तथा विश्वास जताया कि बिहार सरकार की नयी टीम पूरे समर्पण भाव से राज्य के लोगों की सेवा करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘बिहार में बनी राजग सरकार राज्य के विकास और यहां के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी।’
उन्होंने कहा, ‘नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री और सम्राट चौधरी जी एवं विजय सिन्हा जी को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर मेरी बहुत-बहुत बधाई। मुझे विश्वास है कि यह टीम पूरे समर्पण भाव से राज्य के मेरे परिवारजनों की सेवा करेगी।
नीतीश कुमार ने इससे पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देते हुए कहा था कि ‘महागठबंधन’ और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में उनके लिए चीजें ठीक नहीं चल रही थी। बाद में उन्होंने भाजपा के साथ नई सरकार बनाने का दावा पेश किया और शाम में राज्यपाल ने उन्हें रिकॉर्ड नौवीं बार मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।