पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल (Parkash Singh Badal) का 95 साल की उम्र में मंगलवार को निधन हो गया। वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। शुक्रवार सुबह उनकी तबियत ज्यादा बिगड़ गई जिसके बाद उन्हें मोहाली के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके निधन के बाद उन्हें पीएम मोदी समेत देश के कई नामचीन नेताओं ने श्रद्धांजली दी है।
पीएम मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा, “श्री प्रकाश सिंह बादल जी के निधन से अत्यंत दु:ख हुआ। वह भारतीय राजनीति की एक महान हस्ती थे, और एक उल्लेखनीय राजनेता थे जिन्होंने हमारे देश के लिए बहुत योगदान दिया। उन्होंने पंजाब की प्रगति के लिए अथक परिश्रम किया और कठिन समय में राज्य को सहारा दिया।”
Extremely saddened by the passing away of Shri Parkash Singh Badal Ji. He was a colossal figure of Indian politics, and a remarkable statesman who contributed greatly to our nation. He worked tirelessly for the progress of Punjab and anchored the state through critical times. pic.twitter.com/scx2K7KMCq
— Narendra Modi (@narendramodi) April 25, 2023
पंजाब के वर्तमान मुख्यमंत्री भगवंत मान ने लिखा, “पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के निधन का दुखद समाचार मिला… वाहेगुरु दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें और परिवार को दुख सहने की शक्ति दें..
वाहेगुरु, वाहेगुरु”
पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के निधन का दुखद समाचार मिला… वाहेगुरु दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें और परिवार को दुख सहने की शक्ति दें..
वाहेगुरु
वाहेगुरु— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) April 25, 2023
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिखा, “पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री श्री प्रकाश सिंह बादल जी का निधन अत्यंत दुःखद है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं। ईश्वर दिवंगत पुण्यात्मा को अपने परम धाम में स्थान तथा उनके शोकाकुल समर्थकों व परिजनों को यह अथाह दुःख सहने की शक्ति दें। ॐ शांति!”
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री श्री प्रकाश सिंह बादल जी का निधन अत्यंत दुःखद है।
मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं।
ईश्वर दिवंगत पुण्यात्मा को अपने परम धाम में स्थान तथा उनके शोकाकुल समर्थकों व परिजनों को यह अथाह दुःख सहने की शक्ति दें।
ॐ शांति!
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) April 25, 2023
लंबे समय तक राजनीतिक जीवन में प्रकाश सिंह बादल के मुख्य प्रतिद्वंदी रहे अमरिंदर सिंह ने लिखा, “प्रकाश सिंह बादल के निधन से गहरा दुख हुआ। उनको और उनके पूरे परिवार को मेरी गहरी संवेदनाएं। बादल साहब का पार्टी लाइन से ऊपर उठकर सभी ने सम्मान किया। वाहेगुरु जी दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।”
Deeply saddened over the demise of S. Parkash Singh Badal. My profound condolences to @officeofssbadal and the entire family.
Badal Sahab was respected by everyone cutting across party lines. May Waheguru ji grant peace to the departed soul. 🙏🏻
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) April 25, 2023
देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी पूर्व मुख्यमंत्री को श्रृद्धांजली दी और दो ट्वीट किए। उन्होंने कहा, “श्री प्रकाश सिंह बादल जी एक राजनीतिक दिग्गज थे जिन्होंने कई दशकों तक पंजाब की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अपने लंबे राजनीतिक और प्रशासनिक जीवन में, उन्होंने किसानों और हमारे समाज के अन्य कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए कई उल्लेखनीय योगदान दिए।”
Shri Prakash Singh Badal ji was a political stalwart who played a significant role in Punjab politics for many decades. In his long political and administrative career, he made several noteworthy contributions towards the welfare of farmers and other weaker sections of our…
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) April 25, 2023
दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, “बादल साहब माटी के लाल थे जो जीवन भर अपनी जड़ों से जुड़े रहे। मुझे कई मुद्दों पर उनके साथ अपनी बातचीत को बड़े चाव से याद है। उनके निधन से मुझे गहरा दुख पहुंचा है। उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। उनके शोक संतप्त परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं।’ शांति!”
Badal Sahab was the son of soil who remained connected to his roots, all his life. I fondly remember my interactions with him on several issues.
I’m deeply anguished by his demise. His demise is a personal loss to me. My heartfelt condolences to his bereaved family and…
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) April 25, 2023
पंजाब सरकार में अपने कार्यकाल के दौरान, बादल ने पंचायती राज, सामुदायिक विकास, पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्री के रूप में कार्य किया। वह 1972, 1980 और 2002 में पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे। उन्होंने 1977 में मोरारजी देसाई की सरकार में केंद्रीय कृषि और सिंचाई मंत्री के रूप में भी काम किया।